पुलवामा हमले के बाद भारत एक ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की कोशिश में जुटा हुआ है, तो दूसरी ओर इस आतंकी हमले की जांच तेज हो गई है. गृह मंत्रालय ने पुलवामा आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया है और आज इस मामले पर एफआईआर भी दर्ज किया जा सकता है. साथ ही सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि हमले में प्रयुक्त कार को तैयार करने में 3-4 दिन लगे थे.
गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 12 सदस्यीय टीम, सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब्रोटरी (CFSL) के एक्सपर्ट के साथ पहले से ही श्रीनगर में कैंप कर रही है. NIA की टीम कई बार पुलवामा हमले के स्पॉट से सैंपल ले चुकी है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, एनआईए पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद संदिग्ध ओवर ग्राउंड वर्कर से भी पूछताछ करेगी. सूत्रों के मुताबिक धमाकों में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की प्राथमिक एक्सप्लोजिव डिटेक्शन टेस्ट किया जा चुका है. इन धमाकों में फिलहाल आरडीएक्स के इस्तेमाल की बात सामने आई है. ये टेस्ट एनआईए के अलावा सीएफएसएल, एनएसजी और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने-अपने स्तर पर किया है और नमूनों को आगे की जांच के लिए भेजा गया है.
पिट्ठू बैग लिए घुसे थे संदिग्ध!
सूत्रों के मुताबिक पुलवामा हमले के लिए करीब 25 से 30 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ है. इसके साथ ही इस हमले में अन्य विस्फोटक भी इस्तेमाल किए गए हैं. पुलवामा में आतंकी ने आरडीएक्स से भरी गाड़ी के साथ सीआरपीएफ के काफिले में टक्कर मार दी जिसके बाद वहां एक बड़ा धमाका हुआ और 40 जवान शहीद हो गए. हालांकि पहले कहा जा रहा था कि इस हमले में 200 किलो से ज्यादा आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया है.
इसके अलावा खुफिया एजेंसियां उस खुफिया रिपोर्ट का भी आकलन कर रही हैं जिसमें इस बात का जिक्र है कि कुछ हफ्ते पहले पिट्ठू बैग लिए संदिग्ध आतंकी घाटी में दाखिल हुए थे.
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