29 साल से चल रहा रिश्वत का खेल: 40 हजार से शुरुआत, 34 लाख लेकर भी मन नहीं भरा

शिकायतकर्ता बब्बू तंवर के अनुसार दोनों ने वर्ष 1994 में पंजीकृत अपने पिता की संपत्ति के म्यूटेशन को मंजूरी देने के लिए 40 हजार रुपये की रिश्वत राशि ली थी। बाद में आरोपियों के मन में लालच आ गया कि करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी है, तो क्यों न और पैसे वसूले जाएं।

प्रॉपर्टी के कागजात में बदलाव करने के लिए 34.70 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में विजिलेंस ने पटवारी उसके भाई, पिता और एक सहयोगी के खिलाफ केस दर्ज किया है। पटवारी के भाई का जूते का कारोबार है, तो उसने पाकिस्तान से जूते मंगवाए और 3.40 लाख रुपये पीड़ित से रिश्वत के तौर पर वसूल लिए। इतना ही नहीं आरोपियों ने जन्मदिन पार्टी के लिए भी 80 हजार रुपये का बिल पीड़ित से ही दिलवाया।

पटवारी गुरविंदर सिंह के रिश्वत का मामला उस समय चर्चा में आया था, जब आप विधायक गुरप्रीत गोगी ने उसके यहां छापा मारा था और बाद में डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक ने पटवारी गुरविंदर को सस्पेंड कर दिया था। जब रिश्वत के तौर पर 34.70 लाख रुपये देने के बाद भी काम नहीं हुआ तो बठिंडा के रामपुरा फूल निवासी बब्बू तंवर ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार विरोधी लाइन पर की। इसके बाद जांच विजिलेंस के पास पहुंची। विजिलेंस ने जांच में आरोप सही पाए। इसके बाद पटवारी गुरविंदर सिंह, उसके एजेंट निक्कू को नामजद करने के साथ पटवारी के भाई और पिता पर भी रिश्वत लेने की साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।

40 हजार से शुरुआत, 34 लाख लेकर भी नहीं भरा मन
शिकायतकर्ता बब्बू तंवर के अनुसार दोनों ने वर्ष 1994 में पंजीकृत अपने पिता की संपत्ति के म्यूटेशन को मंजूरी देने के लिए 40 हजार रुपये की रिश्वत राशि ली थी। बाद में आरोपियों के मन में लालच आ गया कि करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी है, तो क्यों न और पैसे वसूले जाएं। इसके बाद एजेंट निक्कू, उसके पिता और पटवारी के भाई ने एक-दूसरे की मिलीभगत से संपत्ति के म्यूटेशन को मंजूरी देने के बदले 27.50 लाख रुपये की रिश्वत ली।

दो आईफोन और स्मार्ट घड़ियां भी लीं
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उपरोक्त पटवारी और उसके एजेंट निक्कू ने उससे दो आईफोन, स्मार्ट घड़ियों के साथ-साथ पाकिस्तान से जूते खरीदने के लिए 3.40 लाख रुपये भी लिए थे। जांच के अनुसार उपरोक्त पटवारी ने न तो संपत्ति का नामांतरण किया और न ही शिकायतकर्ता से प्राप्त राशि लौटाई, जिससे साबित होता है कि दोनों आरोपियों ने रिश्वत लेने के बाद भी उसके साथ धोखाधड़ी की है।

एसएसपी विजिलेंस रविंदर पाल सिंह संधू ने बताया कि आरोपियों को शिकायत मिलने के बाद कई बार नोटिस कर बुलाया गया था, लेकिन आरोपी पेश नहीं हुए तो बाद में कार्रवाई कर दी गई। उन्होंने कहा कि आरोपियों की तलाश के लिए छापे मारे जा रहे हैं। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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