‘फोल्डिंग मैन’ के नाम से जाने जाने वाले चीन के ली हुआ को 28 साल बाद एक नई जिंदगी मिली है। अब वो सीधे खड़े हो सकते हैं। दरअसल, साल 1991 में जब वो 18 साल के थे, उन्हें एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस नाम की एक बीमारी हो गई थी, जिसकी वजह से उनकी कमर झुक गई थी और चेहरा जांघों से चिपक गया था।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हुनान प्रांत के योंगझोउ शहर के रहने वाले 46 वर्षीय ली के पास उतने पैसे नहीं थे कि वो अपना इलाज करा सकते। वह अपनी मां के साथ मुश्किल से ही गुजर-बसर करते हैं। जब पिछले पांच सालों में ली की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई और उनकी कमर पूरी तरह से झुक गई तो उनके परिजन शेन्जेन यूनिवर्सिटी जनरल हॉस्पिटल के स्पाइनल सर्जरी विभाग के टीम लीडर प्रोफेसर ताओ हुईरेन से मिले।
डॉक्टर ताओ हुईरेन ने ली की चार बार सर्जरी की, जिसका नतीजा ये हुआ कि अब वो सीधे खड़े हो पा रहे हैं। अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, अभी ली को पूरी तरह से ठीक होने में तीन महीने लग जाएंगे। उसके बाद वो बिना किसी सहारे के चल सकेंगे। ली डॉक्टर ताओ हुईरेन का शुक्रिया अदा करते हुए कहते हैं कि उनके बिना अपने पैरों पर सीधा खड़ा हो पाना मेरे लिए संभव नहीं था। वह मेरे रक्षक हैं। मैं उनका और अपनी मां का आभारी हूं।
बता दें कि एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक दुर्लभ प्रकार का गठिया रोग है और माना जाता है कि यह जीन में गड़बड़ी के कारण होता है। इसकी वजह से रीढ़ की हड्डी मुड़ जाती है और गर्दन कठोर हो जाता है। सूजन के कारण हड्डी खराब हो जाती है और शरीर अतिरिक्त कैल्शियम का उत्पादन करने लगता है, कभी-कभी गलत स्थानों पर। इस तरह रीढ़ की हड्डी के मुड़ने को किफोसिस कहा जाता है। अमेरिकी में इस बीमारी से करीब 16 लाख लोग प्रभावित हैं।
डॉक्टर ताओ हुईरेन के मुताबिक, ली की सर्जरी करना बेहद ही मुश्किल काम था, क्योंकि इसमें खतरा ज्यादा था। हालांकि कई तरह की जांच के बाद आखिरकार ली का ऑपरेशन करने का फैसला किया गया। डॉक्टर ने बताया कि पहले ली की जांघों की हड्डियों को तोड़ा गया और फिर बाद में जोड़ा गया, क्योंकि उनकी रीढ़ की हड्डियों को सीधा करने का यहीं एक रास्ता था।