यूरोपीय यूनियन के 28 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल घाटी के जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए एक दिवसीय दौरे पर आज कश्मीर पहुंचेगा। इस खबर के साथ ही सियासत भी तेज हो गई है। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने मांग की है कि इस प्रतिनिधिमंडल को आम जनता और सियासी नेताओं से मिलने की अनुमति दी जाए। दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा है कि अगर निमंत्रण मिला तो पार्टी प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात कर सकती है।

बता दें कि जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद यह पहला अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल है जिसे कश्मीर का दौरा करने की अनुमति दी गई है।
अनंतनाग से नेकां सांसद हसनैन मसूदी ने फोन पर बातचीत में कहा कि, यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन यह तभी फायदेमंद होगा जब प्रतिनिधि मंडल को आम लोगों के साथ, सिविल सोसायटी राजनीतिक पार्टी के नेताओं से भी मिलने दिया जाए। वहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट से उनकी बेटी ने ट्वीट किया है कि यह प्रतिनिधि मंडल जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों से क्यों नहीं मिल सकता।
ऐसे में दो स्थितियां पैदा होती हैं और वह यह हैं कि अगर प्रतिनिधि मंडल कहता है कि हालात सामान्य है तो केंद्र को सियासी कैदियों को छोड़ने के साथ-साथ इंटरनेट बहाल करना होगा और अगर वो यह कहता है कि हालात सामान्य नहीं है तो ऐसे में केंद्र के दावे झूठे साबित हो सकते हैं।
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