उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का गढ़ मानी जाती है। गोरखपुर की संसदीय सीट पर पिछले 26 सालों से मठाधीशों का ही कब्जा रहा है। 1991 से जहां योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत अवेद्यनाथ सांसद रहे वहीं 1998 से इस सीट पर खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कब्जा रहा है। लेकिन लोकसभा के उपचुनावों में आज महंत योगी के इस किले को सपा ने ढाह दिया है।
इसे कुछ ऐसा भी कहा जा सकता है कि गोरखपुर की संसदीय सीट पर पिछले 29 साल से गोरखनाथ मठ का एकाधिकार बना हुआ था और इसे बीजेपी का मजबूत दुर्ग कहा जाता था। 1989 से ही इस सीट पर गोरखनाथ मंदिर से जुड़ी हस्तियों का कब्जा रहा है। और इस सीट पर भगवा ध्वज फहराता रहा है। लेकिन इस बार हुए उपचुनाव में सपा के प्रवीण कुमार निषाद ने बाजी मारते हुए दिखाई दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद यहां से पिछले पांच बार से सांसद रहे हैं और पिछले साल मुख्यमंत्री बनने के बाद ही उन्होंने सीट से इस्तीफा दिया । योगी की इस सीट पर बीजेपी ने उपेंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा है। बीजेपी को मात देने के लिए बसपा समर्थित सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद हैं जिन्होंने सुबह से ही ईवीएम की गड़बड़ी का आरोप लगाना शुरू कर दिया था।
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