केंद्र सरकार द्वारा 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि बंगाल सरकार की झांकी का प्रस्ताव विशेषज्ञ समिति के पास दो बार भेजा गया। दूसरी बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद इसे खारिज कर दिया गया।
इससे पहले भी साल 2018 में बंगाल की झांकी को परेड में शामिल नहीं किया गया था। इस साल परेड समारोह के लिए कुल 56 झांकियों के प्रस्ताव आए थे, जिनमें से 22 को चुना गया है। बता दें कि ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
मंत्रालय के मुताबिक, बंगाल की झांकी को पहले परेड की प्रक्रिया के हिसाब से चुना गया था। 2020 में होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में कुल 56 झांकियों के प्रस्ताव आए थे। इन झांकियों के चुनाव के लिए विशेषज्ञ समिति में पांच दौर की बैठक की।
मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे। जिसके बाद मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गया है।
विशेषज्ञ समिति अपनी सिफारिश रक्षा मंत्रालय को सौंपती है
गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं। झांकियों का चयन एक विशेष समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला और नृत्यकला से संबंधित लोग शामिल होते हैं। यह समिति प्रस्तावों पर विचार कर अपनी सिफारिशों को रक्षा मंत्रालय को सौंपती है। समय की बाध्यता को देखते हुए सीमित संख्या में ही झांकियों का चयन होता है।
2018 में भी नहीं शामिल हुई थी पश्चिम बंगाल की झांकी
पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर लगातार टकराव हो रहा है। माना जा रहा है कि गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की झांकी को शामिल ना किए जाने से दोनों सरकारों के बीच टकराव बढ़ सकता है। 2018 में भी बंगाल की झांकी परेड में शामिल नहीं की गई थी और उसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था।