सितंबर 2020 में पास इन तीन नए कृषि कानूनों को केंद्र सरकार कृषि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम मानती है. सरकार का मानना है कि इन कानूनों के असर से किसान आढ़तियों के चंगुल से मुक्त होंगे और अपना अनाज अपने पसंद की कीमत पर बेच सकेंगे. लेकिन किसानों का कहना है कि नए कानून से उन्हें सरकार की ओर से मिलता आ रहा MSP का सेफ्टी वॉल्व खत्म हो जाएगा.

कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि सरकार किसान संगठनों के साथ अगले दो से तीन दिनों के अंदर बातचीत की टेबल पर बैठ सकती है. प्रदर्शन कर रहे एक किसान नेता ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि MSP को कानूनी गारंटी देने की उनकी मांग बनी रहेगी.
सरकार के पत्र और प्रधानमंत्री के भाषण पर कुंडली, सिंघु बॉर्डर पर 26 दिसबंर को दोपहर 2 बजे सयुंक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आयोजित की जाएगी. समाचार एजेंसी के मुताबिक कुछ किसान संगठनों ने संकेत दिया है कि वे सरकार के साथ एक बार फिर से वार्ता शुरू कर सकते हैं, ताकि इस गतिरोध का कुछ समाधान निकाला जा सके.
किसान संगठनों ने कहा है कि वे शनिवार को एक बैठक करेंगे. इस बैठक में केंद्र द्वारा बातचीत की पेशकश का क्या जवाब दिया इस पर एक औपचारिक फैसला लिया जा सकता है.
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