26 जनवरी के दिन लाल किले पर हुई हिंसक घटनाओं को लेकर दाखिल याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने किया खारिज कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका को केवल खारिज ही नहीं किया बल्कि याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोक दिया है.
ये याचिका सेवानिवृत्त आईपीएस ऑफिसर जोगिंदर तुली की तरफ से लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसक घटनाओं के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए जाएं. लेकिन हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नहीं है बल्कि पब्लिक स्टंट लिटिगेशन है.(सुर्ख़ियों में आने के लिए डाली गई याचिका). कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि 26 जनवरी को ये घटना घटी और 27 तारीख को आप ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. याचिकाकर्ता की इंटेंशन पर सवाल खड़े करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया है. इसके बाद याचिकाकर्ता ने कहा कि वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे.
कोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इस मामले की जांच पहले ही इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी कर रही है. जांच एजेंसी को इस मामले की जांच पूरी करने के लिए समय दिया जाना चाहिए. कोर्ट फिलहाल इस याचिका पर सुनवाई की कोई जरूरत महसूस नहीं करता. कोर्ट ने कहा कि अगले कुछ महीनों में जब इस मामले की जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने होगी तब जरूरी लगा तो कोर्ट इस पर सुनवाई करेगी.
इस याचिका में कहा गया था कि जिस तरह से इंटेलिजेंस रिपोर्ट होने के बावजूद भी लाल किले में हजारों किसानों को दाखिल होने दिया गया और लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहरा दिया गया, वह पूरी तरह से दिल्ली पुलिस का कानून व्यवस्था मैं विफल रहने का नतीजा है और ऐसे में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
याचिका में आगे कहा गया है, ”26 जनवरी को जो कुछ भी लाल किले पर हुआ उससे पूरा देश शर्मसार हुआ.और इसके पीछे दिल्ली पुलिस की समय पर कार्रवाई न कर पाना वजह रही. दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी के मद्देनजर भी किसान रैली की इजाजत देने के बावजूद हिंसा से निपटने की कोई तैयारी नहीं की. जिसका परिणाम लाल किले में हुई हिंसा के रूप में देखने को मिला.”
आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में दो और याचिकाएं 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दाखिल की गई हैं. जिन पर 16 फरवरी को सुनवाई होनी है. याचिकाकर्ता धनंजय जैन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार को सुनवाई की थी लेकिन इस मामले में किसान संगठनों को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था. जबकि दूसरी याचिका पर अभी सुनवाई के लिए तारीख तय नहीं की गई है.