गोरखपुर शहर के घोषीपुरवा की रहने वाली छह साल की मासूम गरिमा उर्फ परी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप वन से जूझ रही है। एम्स के डॉक्टरों ने इलाज का खर्च 22 करोड़ रुपये बताया है। इसके बाद से परिजन इतनी बड़ी रकम जुटाने के लिए लोगों से मदद की अपील कर रहे हैं। मामले की जानकारी होने पर सांसद रवि किशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आर्थिक सहयोग की मांग की है।
सांसद के प्रतिनिधि समरेंद्र विक्रम सिंह शाहपुर के घोसीपुरवा में मुक्तिनाथ के घर पहुंचे। मुक्तिनाथ की साढ़े छह साल की बेटी गरिमा उर्फ परी इस खतरनाक बीमारी से जूझ रही है। डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी 10 लाख लोगों में से एक को होती है। समरेंद्र सिंह ने परिजनों से बात करते हुए इलाज के सभी कागजात देखे और फिर सांसद को इसकी जानकारी दी।
सांसद रवि किशन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि मुंबई की तीरा कामत की तरह गरिमा को भी मदद की जरूरत है। गरिमा के इलाज में लगने वाले इंजेक्शन 22 करोड़ रुपये में आएंगे। उन्होंने इस रकम को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दिलाने की मांग की। समरेंद्र विक्रम सिंह सांसद से जल्द ही व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री से मिलकर गरिमा के मामले को उनके समक्ष रखेंगे।
बच्ची गरिमा की मदद आप भी कर सकते हैं। सहायता देने के लिए गरिमा के पिता मुक्तिनाथ गुप्ता के मोबाइल नंबर 8299110362 पर संपर्क कर सकते हैं।
घोषीपुरवा की रहने वाली मासूम गरिमा उर्फ परी रेयर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित है। यह बीमारी 10 लाख में एक बच्चे को होती है। इस बीमारी का इलाज जीन थेरेपी से होता है। विश्व के चुनिंदा अस्पतालों में इसका इलाज है। इसमें 16 करोड़ का जोल्जनसमा इंजेक्शन लगता है। इसे केवल स्विट्जरलैंड की नोवार्टिस की ही कंपनी बनाती है। इंजेक्शन के आयात पर छह करोड़ का टैक्स लगता है। मुंबई के एसआरसीसी अस्पताल में भर्ती तीरा कामत को यह इंजेक्शन लगना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंजेक्शन पर लगे टैक्स को माफ कर दिया है।
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