रियल एस्टेट सेक्टर के लिए साल 2024 काफी मिला-जुला रहा। कई सेगमेंट में बिक्री में अच्छा उछाल देखने को मिला, तो कुछ काफी सुस्त भी रहे। आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद थी, लेकिन महंगाई ने पूरे साल केंद्रीय बैंक को राहत की सांस नहीं लेने दी। इससे बाकी लोन के साथ होम लोन की EMI भी ऊंची बनी रही, जिसका घरों की बिक्री पर असर पड़ा। आइए जानते हैं कि 2025 में रियल एस्टेट सेक्टर की परफॉर्मेंस कैसी रहेगी। क्या घरों की बिक्री बढ़ेगी। साथ ही, होम लोन की ब्याज दरों में कमी होगी या इजाफा?
2024 में कैसा रहा रियल एस्टेट सेक्टर प्रदर्शन
रियल एस्टेट मार्केट के जानकारों का दावा है कि 2023 के मुकाबले 2024 में बाजार कुछ सुस्त रहा। प्रॉपइक्विटी के फाउंडर और सीईओ समीर जसूजा का कहना है, ‘2024 के दौरान रिहायशी रियल एस्टेट मार्केट में मांग और आपूर्ति में गिरावट आई है, जो 2023 में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर गई थी। हालांकि Supply-Absorption Ratio स्थिर बना हुआ है। यह इंडस्ट्री के लिए अच्छा संकेत है।’ जसूजा ने यह भी कहा कि टियर 2 मार्केट्स में प्रॉपर्टी की मांग में कुछ उछाल देखने को मिला। ये भविष्य में बड़े बाजार बन सकते हैं।
गुरुग्राम स्थित प्रॉपर्टी कंसल्टिंग फर्म इन्फ्रा मंत्रा के डायरेक्टर और को-फाउंडर गर्वित तिवारी का भी यही मानना है। तिवारी का कहना है, ‘अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिख रहे हैं। जीडीपी गिरने, मुद्रास्फीति बढ़ने के साथ साल के दौरान घर खरीदारों और निवेशकों में ठहराव देखा गया। अप्रैल-सितम्बर के दौरान चुनाव और मानसून को भी इसका कारण माना जा सकता है। इसके चलते घरों की बिक्री 2023 के रिकॉर्ड स्तर से मामूली कम हुई। हालांकि रियल एस्टेट सेक्टर मजबूत बना हुआ है।’
लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में दिखी अच्छी डिमांड
लग्जरी हाउसिंग मार्केट ने 2024 में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरपर्सन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, “2024 में रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल आया। इसे बढ़ते शहरीकरण, बदलती जीवनशैली और किफायती, मध्यम आय और लग्जरी सेगमेंट में बढ़ती मांग का समर्थन मिला। आवासीय मांग विशेष रूप से मजबूत रही है। लग्जरी मार्केट में गुरुग्राम, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में अच्छी डिमांड देखी गई। वहां हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNWI) और NRI प्रॉपर्टी खरीदने में पैसा लगा रहे हैं, जो बेहतरीन सुविधाओं से लैस ठिकाना चाहते हैं।’
अनंत राज लिमिटेड के सीईओ अमन सरीन का भी कहना है कि लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट काफी अच्छा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘2024 में आवास क्षेत्र में मजबूत गति देखी गई। इसमें लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी सेगमेंट केंद्र में रहे। एमएमआर और गुरुग्राम-एनसीआर जैसे शहरों में 5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली उच्च-स्तरीय संपत्तियों की मांग में उछाल देखा गया। इसकी वजह रहने के लिए प्रीमियम जगह की तलाश करने वाले संभावित खरीदारों की बढ़ती संख्या रही।’
2025 में रियल एस्टेट सेक्टर कैसा रहेगा
रियल इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि साल 2025 में इंडस्ट्री काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। खासकर, यह देखते आरबीआई फरवरी की एमपीसी से ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है। बेसिक होम लोन के को-फाउंडर और सीईओ अतुल मोंगा का कहना है, ‘आरबीआई 2025 में कटौती कर सकता है, जिससे होम बायर्स के लिए कर्ज सस्ता हो सकता है। इससे खासतौर पर पहली बार घर खरीदने वालों को फायदा होगा, जो ऊंची EMI के चलते फिलहाल घर खरीदने में झिझक रहे हैं।’
अतुल मोंगा का मानना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना अर्बन 2.0 को बढ़ावा देने से शहरी हाउसिंग मार्केट में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। टैक्स में फायदा, ब्याज में सब्सिडी और बढ़ते फाइनेंशियल सपोर्ट से इस सेगमेंट में होम लोन की डिमांड भी बढ़ेगी।अनंत राज लिमिटेड के अमन सरीन की भी कुछ इसी तरह की राय है। उनका कहना है कि साल 2025 में सभी आवास खंडों में मजबूत डिमांड बनी रहने के आसार हैं। इसकी वजह भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, स्थिर ब्याज दर और बेहतर उपभोक्ता विश्वास रहेगा। उन्होंने कहा कि फरवरी की एमपीसी में ब्याज दरों में कटौती होने की भी काफी संभावना है। रियल एस्टेट सेक्टर को इसका भी फायदा मिलेगा।
नए साल में रियल सेक्टर की चुनौतियां क्या होंगी?
साल 2025 को लेकर कुछ चिंताएं भी हैं। ग्रेट वैल्यू रियल्टी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज अग्रवाल का कहना है, ‘ हममें से अधिकांश लोग उम्मीद करते हैं कि नए साल में हालात और बेहतर होंगे। हालांकि, 2025 में आर्थिक, नियामक, राजकोषीय और व्यापार नीतियों में बदलाव के कारण अनिश्चितता हो सकती है। अधिकांश बाजारों में ब्याज दरों में गिरावट का रुझान जारी रहेगा, लेकिन अस्थिरता उच्च स्तर पर बनी रहेगी। साथ ही, भू-राजनीतिक तनाव से भी फैसलों पर असर पड़ सकता है।
’इसके अलावा भी कुछ चुनौतियां रहेंगी, जिनसे रियल एस्टेट सेक्टर को पार पाना होगा। इनमें डिमांड घटने की भी चिंता भी है, जिससे बिक्री पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर सीमेंट और सरिया जैसे कच्चे माल की कीमतों में इजाफा होता है, तो रियल एस्टेट कंपनियों का प्रॉफिट घट सकता है। अगर कंपनियां बढ़ी कीमतों को होम बायर्स पर ट्रांसफर करेंगी, तो इससे घर महंगे होने की भी आशंका रहेगी। साथ ही, रियल सेक्टर को पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संरक्षण।