कोरोना वायरस से पूरी दुनिया प्रभावित है। ऐसे में वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। ताकि करोड़ों लोग फिर से एक बार सामान्य जिंदगी जी सकें। इसी बीच बंगलूरू स्थित बायोकॉन लिमिटेड की चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने उम्मीद जताई है कि अगर हम अगले 2-3 महीनों में क्लिनिकल ट्रायल को पूरा कर लेते हैं, तो भी उन्हें जनवरी-फरवरी तक मंजूरी मिलेगी। इसलिए मुझे लगता है कि 2021-22 तक कोरोना की वैक्सीन भारत में उपलब्ध हो जाएगी।’
बायोकॉन ने शुक्रवार को अपनी सितंबर तिमाही की कमाई की घोषणा की, जो एक साल पहले की तिमाही में 216 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ से गिरकर 169 करोड़ रुपये हो गई है। एक निजी अखबार के साथ बातचीत में उन्होंने वैक्सीन और उसकी चुनौतियों को लेकर अपने विचार साझा किए।
जब उनसे पूछा गया कि देश में कोविड-19 की वैक्सीन कब तक आएगी तो किरण मजूमदार ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि वर्ष के अंत तक पहले एमआरएनए वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी। लेकिन वे भारत में उपलब्ध नहीं होंगे क्योंकि उन्हें -80 डिग्री कोल्ड चेन की आवश्यकता होती है और यह ऐसी चीज नहीं है जिसे हम यहां संभाल नहीं सकते। मुझे उम्मीद है कि जनवरी तक, कुछ अन्य वैक्सीन जैसे- एस्ट्राजेनेका, या हमारे अपनी भारतीय वैक्सीन भारत बायोटेक को अनुमोदित किया जा सकता है।
आपको वैक्सीन वितरण में क्या चुनौतियां लगती हैं इस सवाल के जवाब में बायोकॉन की प्रबंध निदेशक ने कहा, ‘इतने बड़े पैमाने पर वयस्क टीकाकरण पहले कभी नहीं किया गया। पोलियो की वैक्सीन को सालों से दिया जा रहा है।
पोलियो वैक्सीन को आशा कार्यकर्ता या अन्य देते हैं लेकिन कोविड वैक्सीन इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन होगा। इस लगाने के लिए नर्स, डॉक्टर्स और एमबीबीएस छात्रों की जरूरत होगी। मानव संसाधनों के अलावा, हमें इसके लिए कोल्ड चेन के बुनियादी ढांचा की आवश्यकता होगी।’