वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज साल 2021-22 का आम बजट पेश किया। बजट को लेकर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में बहुत ही समावेशी बजट प्रस्तुत किया गया है। बजट में प्रधानमंत्री जी की मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई देती है। छह स्तम्भों पर आधारित इस बजट में आधारभूत संरचना के विकास, रोजगार सृजन के साथ ही गांवों और किसानों का भी ख्याल रखा गया है।

उन्होंने कहा कि हेल्थ केयर में 137 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह बजट आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा। विभिन्न चरणों में आत्मनिर्भर भारत पैकेज कुल मिलाकर 27.1 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि जीडीपी का 13 प्रतिशत है। वर्तमान बजट में इसे और आगे बढ़ाया गया है।
शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 शुरू किया जाएगा जिसके तहत पांच वर्षों में 1 लाख 41 हजार 678 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में भी अनेक प्राविधान किए गए हैं। वहीं, 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। इस बजट को सभी देशवासियों की आकांक्षाओं का बजट कह सकते हैं।
इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि बहुत ही समावेशी बजट है। कोरोना से उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। बजट उम्मीद के अनुसार रहा।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हदयेश ने कहा कि केंद्र ने बहुत ही निराशाजनक बजट पेश किया है। मध्यम वर्गीय व्यक्ति के लिए महंगाई बढ़ी है। सरकारी कर्मचारियों को कोई छूट नहीं मिली। किचन का सामान भी महंगा हो गया है।
चुनावी राज्यों में एनएच घोषित किया गया है। केवल वोट लेने के लिए एनएच स्वीकार किए गए हैं। विदेशी निवेश भी केवल वोट के लिए ही स्वीकार किया गया है। बजट में कोई ऐसा आकर्षण नहीं है जिससे लोगों को फायदा हो।
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