गृह मंत्री अमित शाह ने एक मार्च को कोलकाता के शहीद मीनार मैदान से सीएए और एनआरसी के समर्थन में एक रैली की. इस रैली को 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के आगाज के तौर पर भी देखा जा रहा है.

ठीक उसी के अगले दिन यानी आज पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव से पहले ‘बंगाल का गौरव ममता’ के नाम से बड़े कैंपेन की शुरुआत की है.
आज से शुरू होकर 10 मई तक चलने वाले 75 दिनों के इस बड़े कैंपेन के तहत तृणमूल कांग्रेस बंगाल के हर हिस्से को कवर करने की तैयारी में है.
जानकारी के मुताबिक 75 दिनों के इस कैंपने में टीएमस के 75 हजार से ज्यादा नेता, पांच लाख के करीब जमीनी कार्यकर्ता कुल 21 हजार से ज्यादा मीटिंग करेंगे और इस दौरान तकरीबन 41 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरे बंगाल में की जाएगी. पार्टी का अनुमान है कि इस दौरान सवा लाख के करीब नए लोग टीएमसी से जुड़ेंगे और ये कैंपेन ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा.
बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल काफी महत्वपूर्ण राज्य है. इसीलिए 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी लगातार बंगाल में मेहनत कर रही है.
2021 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बंगाल के शहरी इलाकों में निकाय चुनाव भी होने वाले हैं और टीएमसी का ये कैंपेन निकाय चुनाव पर भी काफी असर डालेगा. विधानसभा चुनाव से पहले निकाय चुनावों से ही आने वाले दिनों में बंगाल की राजनीतिक स्थिति का हाल पता चलेगा.
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