
वहीं वर्ष 2019 अयोध्या मामले को लेकर भी याद किया जाएगा। कई दशकों से चल रहे इस विवाद का सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा किया था। इस मसले को भी केंद्र की सत्ता में काबिज सरकार केसाथ जोड़कर देखा जा रहा था। भीषण ठंड के बाद शुरू हुए नए साल को सुप्रीम कोर्ट से ‘राजनीतिक गर्माहट’ मिल सकती है। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट सीएए जैसे गंभीर मसले पर सुनवाई करेगा। इस मसले को लेकर देश के कई प्रांतों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
जहां समाज का एक धरा सीएए के सख्त खिलाफ है वहीं केंद्र सरकार इस मसले पर अपने कदम खिंचने को कतई तैयार नहीं है। इस मसले को लेकर 60 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। अब देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या निर्णय लेगा। इसके अलावा इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद-370 को हटाने व जम्मू व कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने जैसे संवेदनशील मुद्दे का भी परीक्षण करेगा। वहीं आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट इस पर भी फैसला सुनाएगा कि अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद कश्मीर घाटी में लगी पाबंदियां कहां तक जायज है?
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट 103वें संविधान संशोधन बिल का भी परीक्षण करेगा। इस अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को नौकरी व शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। इसके खिलाफ दायर याचिकाओं में सरकार के इस निर्णय को असंवैधानिक बताया गया है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ट्रिपल तलाक को दंडनीय अपराध बनाने के सरकार के निर्णय का भी परीक्षण करेगा। इस कानून केतहत तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। इस मसले को लेकर भी कई याचिकाएं दायर की गई हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉल बांड लाने के निर्णय का भी परीक्षण करेगा।
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