रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और भारतीय एयरटेल उन लिस्टेड कंपनियों में शुमार हैं जिन्हें 1 अप्रैल 2020 तक अपने बोर्ड में हर हाल में गैर कार्यकारी चेयरपर्सन की नियुक्ति करनी होगी। कंपनियों को ऐसा सेबी के ताजा दिशानिर्देश के मुताबिक करना होगा।
सेबी के नए नियमों के अनुसार, प्रमुख 500 कंपनियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि 1 अप्रैल 2020 तक उनके बोर्ड में गैर-कार्यकारी चेयरपर्सन होगा। यह कदम चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद को अलग अलग कर देगा। ये मानदंड कॉर्पोरेट प्रशासन पर सेबी की ओर से नियुक्त कोटक समिति द्वारा दी गई सिफारिशों की सीरीज का हिस्सा हैं।
18 जुलाई तक प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, बाजार पूंजीकरण के आधार पर एनएसई पर सूचीबद्ध प्रमुख 500 कंपनियों में से 291 कंपनियों (58.2 फीसदी) को गैर कार्यकारी चेयरपर्सन की नियुक्ति करनी होगी जो कि सीईओ/ एमडी और चेयरपर्सन के पद को अलग अलग कर देगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और भारती एयरटेल एवं समेत अन्य कंपनियों को जिन्हें इन दोनों पदों को अलग अलग करना होगा उनमें हिंदुस्तान यूनीलीवर, ओएनजीसी, कोल इंडिया, लार्सन एंड ट्यबरो और एचसीएल टेक्नोलॉजी प्रमुख है।