कुंभ मेले के बाद अब योगी सरकार संगम तट पर लगने वाले माघ मेले को भी भव्य बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. यहां पर टेंट सिटी बसाने का काम तेजी से चल रहा है.मेले को इस बार पांच सेक्टरों में बसाया जाएगा. वहीं स्नानार्थियों की सुविधा के लिए पांच पांटून पुल होंगे. इस बार मेला 10 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू होकर 21 फरवरी को महाशिवरात्रि तक चलेगा. मेला करीब दो हजार बीघे में बसाया जाएगा. स्नान घाट का क्षेत्रफल भी बढ़ा दिया गया है. लगभग पांच किमी रनिंग एरिया में स्नान घाट बनाए जाएंगे.
मान्यताओं के मुताबिक़ प्रयाग के माघ मेले में पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवता भी अदृश्य रूप में यहां पर आते हैं, इसीलिये देश के कोने – कोने से लाखों श्रद्धालु गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन धारा में डुबकी लगाकर दान-उपासना दूसरे संस्कारों के जरिये पुण्य लाभ अर्जित करते हैं. संगम पर कल्पवास करने वालों को न सिर्फ अपार पुण्य हासिल होता है, बल्कि उन्हें जीवन- मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष प्राप्त होता है.
डीआईजी केपी सिंह ने बताया, “2018 के माघ मेले से 25 फीसदी अधिक पुलिस फोर्स इस बार के मेले में तैनात की जाएगी. पानी में करीब पांच किमीलंबी बैरिकेडिंग भी की जा रही है, जिससे नावों का संचालन नियंत्रित किया जाएगा. 2018 के माघ मेले में 12 पुलिस स्टेशन और 36 पुलिस चौकियां थीं. इस बार इनकी संख्या बढ़ाई गई है. मेले के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर 45 लाख, दूसरे स्नान मकर संक्रांति पर 90 लाख, बसंत पंचमी पर 60 लाख, माघ पूर्णिमा पर 45 लाख और महाशिवरात्रि पर 15 लाख श्रद्घालुओं के स्नान करने की संभावना है.”