बिहार में सीट शेयरिंग से बनेगा समीकरण
सियासी पंडितों का मानना है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल बेहद मजबूत स्थिति में हैं। वहीं, भाजपा के सामने पुराने आंकड़ों को दुरुस्त करने की चुनौती है। जबकि बिहार में टक्कर कड़ी है और अभी कहना मुश्किल है कि बाजी किस पार्टी के हाथ लगेगी। यहां सीट शेयरिंग पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। जदयू ज्यादा से ज्यादा सीटों की मांग करेगी, लोजपा भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहेगी, ऐसे में भाजपा के सामने दोहरा संकट होगा। महाराष्ट्र और झारखंड के घटनाक्रम को देखते हुए भाजपा को सख्त दबाव का सामना करना पड़ेगा। हिंदी भाषी राज्यों में अपना प्रभुत्व बरकरार रखने के लिए भाजपा को बिहार में सत्ता हासिल करनी ही होगी। वह पहले ही राजस्थान, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों को गंवा चुकी है।