समाजवादी पार्टी के मुखिया अब उनके साथ कदम ताल मिलाने को तैयार हैं। जानकारी के मुताबिक बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देने की बीएसपी की घोषणा के बाद अखिलेश ने भी ट्वीट करके कांग्रेस को समर्थन का ऐलान कर दिया। बता दें कि सपा बसपा के इस कदमताल से पहले भी यह फार्मूला गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में अपनाया गया था।
वहीं सूत्रों के अनुसार बता दें कि अखिलेश यादव गठबंधन की राह में कोई रोड़ा नहीं चाहते हैं। इसीलिए वे मायावती को तवज्जोह दे रहे हैं। गोरखपुर-फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को एसपी ने हराया, लेकिन तेवर और हौसले मायावती के बुलंद हुए। राज्यसभा चुनाव के बाद माया ने अखिलेश के साथ करार किया था कि वे एक दूसरे को सपोर्ट करेंगी।
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इसके साथ ही बता दें कि मायावती ने राज्यसभा चुनाव में रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया और आरएलडी की भूमिका को लेकर अखिलेश यादव को अनुभवहीन करार दे दिया। इसके बाद से ही सपा ने अपने सभी बड़े सियासी फैसलों में मायावती के अनुयायी के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। 2014 में जीरो और 2017 में 19 सीटों पर सिमटने वाली बसपा के दिन बदलने में एसपी की ही अहम भूमिका रही।