कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनावोें व पांच राज्यों (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और सिक्किम) में चुनाव प्रचार के दौरान 820.9 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए। जबकि इस दौरान उसने 856.2 करोड़ रुपये जमा किए थे। यह जानकारी कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दी है। मालूम हो कि पिछले 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 516 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

भाजपा ने अभी तक अपना चुनावी खर्च जमा नहीं कराया है। जबकि 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने अपने चुनावी अभियान में 714 करोड़ रुपये खर्च किए थे। आयोग के सूत्रों की माने तो भाजपा का चुनावी खर्च पिछली बार से ज्यादा हो सकता है।
लोकसभा चुनाव 2019 और 5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस ने 2014 के मुकाबले 300 करोड़ रुपये अधिक खर्च करके भी उसे सिर्फ 8 लोकसभा सीटों का फायदा हुआ। देश की सबसे पुरानी पार्टी को नेता विपक्ष की सीट भी हासिल न हो सकी क्योंकि वह इसके लिए संख्याबल के हिसाब से तीन सांसदों की कमी के कारण पीछे रह गईं।
चुनाव आयोग को दिए गए दस्तावेजों के मुताबिक इन चुनावों कांग्रेस ने अपने प्रचार के लिए 626.3 करोड़ रुपये और 194 करोड़ रुपये की राशि अपने उम्मीदवारों पर खर्च की। वहीं दूसरी ओर भाजपा की बात करें तो एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा को करीब 916 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त हुआ था जो कि सबसे ज्यादा था।
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