2016 नोट बंदी के बाद अब फिर नमक की कालाबाजारी हुई तेज: छत्तीसगढ़

कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के बिलासपुर समेत कई जिलों में नमक की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है।

पिछले दिनों राज्य में नमक की किल्लत को लेकर उड़ी अफवाहों के कारण लोग नमक खरीदने टूट पड़े हैं। हालात ऐसे हैं कि महीने में जिन लोगों को एक से दो पैकेट की जरूरत होती थी, वो बोरी भरकर नमक ले जा रहे हैं। तीन से चार गुना दाम पर नमक खरीद रहे हैं।

दैनिक जागरण के सहयोगी मीडिया संस्थान नई दुनिया के अनुसार अफवाह उड़ने के बाद कलेक्टर ने तीन विभागों की जांच टीम बनाई है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन इसपर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने में नाकामयाब रहा है।

टीम केवल छापामार कार्रवाई तक ही सीमित रह गई है और बेखौफ कालाबाजारी अभी भी जारी है। बता दें कि अफवाह उड़ने के बाद मंगलवार को तखतपुर के किराना दुकानों में आसापस के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

लोग बोरी भरकर तीन से चार गुना दाम नमक खरीदने लगे। रिटेलरों ने एक पैकेट की कीमत 45 से 50 रुपये तक लोगों से वसूले।आश्चर्य की बात यह है कि लोग कीमत अदा करते रहे और संतोष जताते रहे कि ज्यादा कीमत में ही सही मिल तो गया।

स्टॉकिस्ट से लेकर रिटेलर लोगों की जेब हल्की करने में लगे हुए हैं और विभागीय टीम उनतक पहुंच नहीं पा रही है। चार से पांच दिनों बाद भी नमक की कालाबाजारी पर अंकुश नहीं लग सका है।

बिलासपुर के कलेक्टर डॉ.एसके अलंग ने निर्देश दिया तो खाद्य,नापतौल व खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई गई, लेकिन टीम शहरी व ग्रामीण इलाकों में घूमती रह गई, कालाबाजारी पर अब तक अंकुश नहीं लग सका है।

संयुक्त टीम ने गुरुवार को 20 किराना दुकानों की जांच की और सात किराना दुकानदारों पर कालाबाजारी के आरोप में 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

नमक को लेकर राज्य में राजनीति गरमाईप्रशासन की कड़ाई के बाद भी कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही, ऐसे में नमक को लेकर राज्य में राजनीति गरमाई हुई है।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने राशन दुकानदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं।

उन्होंने कहा कि दुकानदारों की मनमानी नहीं चलेगी।कोई भी गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने साथ ही कहा कि गरीबों को मुफ्त में मिलने वाले नमक की कालाबाजारी को लेकर अब जिला स्तर पर निगरानी समिति भी बनाई जाएगी।

राज्य में नमक कालाबाजारी रोकने के लिए प्रदेश के सभी कलेक्टरों को गाइडलाइन जारी की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे सख्ती से निपटने का आदेश दिया है।

उन्होंने साफ कहा है कि  नमक की आपूर्ति और उपलब्धता में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। गाइडलाइन में नमक की उपलब्धता और इसके उपभोक्ता मूल्य पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

नमक के थोक और खुदरा व्यापारियों के साथ बैठक लेकर करके नमक की पर्याप्त उपलब्धता की जानकारी देने की बात कही गई है।

अधिक मूल्य पर बेचने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की चेतावनी देने की भी बात कही गई है।  साथ ही लोगों के बीच नमक के दाम को लेकर जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जानकारी देने को कहा गया है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय के आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर ये निर्देश दिए हैं।

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