लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक अटक जाने से स्पीकर ने इसे जेपीसी को भेज दिया है। वर्ष 2015 से संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) को भेजे जाने वाले प्रमुख मसौदा विधेयकों की श्रृंखला वक्फ (संशोधन) विधेयक 11वां है। अन्य विधेयकों में भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और पुनःस्थापना में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2015 दिवाला और दिवालियापन संहिता 2015 आदि विधेयक शामिल हैं।
वर्ष 2015 से संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) को भेजे जाने वाले प्रमुख मसौदा विधेयकों की श्रृंखला वक्फ (संशोधन) विधेयक 11वां है।
जीपीसी को भेजे गए अन्य विधेयकों में भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनःस्थापना में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2015; दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2015; प्रतिभूति हित का प्रवर्तन और ऋण वसूली कानून व विविध प्रविधान (संशोधन) विधेयक, 2016 और नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करने वाला विधेयक शामिल हैं।
वित्तीय समाधान और जमा बीमा विधेयक, 2017 और जन विश्वास (प्रविधानों में संशोधन) विधेयक, 2022 की जांच के लिए भी इसी तरह जेपीसी बनाई गई थीं। वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 जेपीसी को भेजा जाने वाला अंतिम विधेयक था।
वेणुगोपाल बोले- यह संविधान पर हमला
वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है। उन्होंने कहा कि विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है। उनका तर्क है कि विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनाव की वजह से लाया गया है।
अखिलेश बोले- यह सोची समझी राजनीति
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा हताश और निराश कट्टर समर्थकों के खातिर यह विधेयक ला रही हैं। उनका कहना है कि यह सोची समझी राजनीति के तहत किया जा रहा है। सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने विधेयक के माध्यम से मुस्लिमों के साथ अन्याय होने की बात कही। नदवी का कहना है कि अगर यह कानून पारित हुआ तो अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे। कहीं ऐसा नहीं हो कि जनता दोबारा सड़कों पर आ जाए।