नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया है कि उसके पास ऐसे नए डाक्यूमेंट हैं जिससे साबित किया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) से स्नातक डिग्री हासिल करने के बारे में झूठी जानकारी दी है और हाल ही में कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित डिग्री फर्जी है। ‘आप’ के इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी ने कहा है कि आरोप इतना मूर्खतापूर्ण है कि इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
डीयू से इस बारे में आग्रह कर चुके हैं केजरीवाल
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू)से आग्रह किया था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लोगों के लिए वेबसाइट पर सार्वजनिक करे और यह सुनिश्चित करे कि डिग्री के दस्तावेज सुरक्षित हैं। उन्होंने इस संबंध में यूनिवर्सिटी को पत्र भी लिखा था।आम आदमी पार्टी का आरोप है कि वास्तव में ऐसे कोई डाक्यूमेंट ही नहीं हैं कि ‘नरेंद्र दामोदर मोदी’ ने 1978 में यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल की। पीएम ने इस बारे में जानकारी वर्ष 2014 के चुनाव के अपने हलफनामे में दी है।
‘आप’ के मुताबिक, कुछ अखबारों में प्रकाशित डिग्री सर्टिफिकेट फर्जी है।
आप’ का दावा, उस दिन ‘नरेंद्र महावीर मोदी’ ने ली थी डिग्री
‘आप’ का कहना है कि उसने पीएम मोदी की ओर से दी गई ग्रेजुएशन की तारीख वाले दिन ‘नरेंद्र महावीर मोदी’ के ग्रेजुएट होने की जानकारी हासिल की है। आप के अनुसार, यह ‘नरेंद्र महावीर मोदी’ राजस्थान के अलवर से हैं जबकि पार्टी ने स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर कहा है कि पीएम मोदी गुजरात के बड़नगर से हैं।
आप का दावा है कि ‘नरेंद्र महावीर मोदी’ नाम के शख्स ने 1978 में डीयू से ग्रेजुएट डिग्री ली।
पीएम मोदी जैसे नाम वाले शख्स ने माना, 1975 से 1978 तक डीयू में था
जब NDTV ने पीएम नरेंद्र मोदी की तरह नाम वाले व्यक्ति से संपर्क किया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वह वर्ष 1975 से 1978 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी में थे और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली कॉलेज में उनके सीनियर थे। इस व्यक्ति ने कहा, ‘यह संयोग ही है कि मुझे भी नरेंद्र मोदी कहा जाता है। मेरे लिए यह गर्व का विषय है।’
पीएमओ ने आरोपों पर नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
‘आप’ के आरोप पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘मैं इसे बहुत अधिक महत्व नहीं देना चाहता लेकिन एक मुख्यमंत्री का इस तरह के आरोप लगाना अनुचित है।’ गौरतलब है कि वर्ष 2014 के आम चुनाव के पहले मोदी ने अपने हलफनामे में 1978 में डीयू से ग्रेजुएशन और 1983 में गुजरात यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल करने की जानकारी दी थी। वैसे 15 साल पुराने एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा था कि उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में घर छोड़ दिया था और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अपने मार्गदर्शक की प्रेरणा के बाद डिग्री हासिल की थी।
आरटीआई के जरिये पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी देने संबंधी केजरीवाल की मांग पर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने पिछले सप्ताह दिल्ली यूनिवर्सिटी और गुजरात यूनिवर्सिटी को इस बारे में विवरण जारी करने का निर्देश दिया था। इसके जवाब में गुजरात यूनिवर्सिटी ने कहा है कि पीएम मोदी ने अपनी मास्टर डिग्री 62.3 फीसदी अंकों के साथ हासिल की थी जबकि दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से इस बारे में जानकारी आनी बाकी है।