पूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट मैच में मिली हार पर टीम की आलोचना की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वह अलग दिन था जब भारतीय टीम 24 जून 1974 को लंदन में इंग्लैंड के खिलाफ महज 42 रन पर ढेर हो गई थी। बेदी ने आगे यह भी कहा है कि यह अलग दिन है जब भारतीय टीम 19 दिसंबर 2020 को एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महज 36 रन बना पाई। बिशन सिंह बेदी 42 रन पर सिमटने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहले टेस्ट मैच के दौरान अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से भारतीय टीम ने जो जीत की उम्मीद जताई थी, उसे बल्लेबाजों ने तहस-नहस कर दिया। एडिलेड टेस्ट मैच के तीसरे दिन ही नतीजा निकल आया, जब दूसरी पारी में भारतीय टीम 36 रन बना पाई और 90 रन के लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से हासिल कर लिया। इस तरह पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को ही मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत को आठ विकेट से हराकर चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
बिशन सिंह बेदी ने शनिवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, “अगर किसी ने 30 का स्कोर भी किया होता तो 36 का स्कोर 36 ही रह जाता। इसलिए अगर सोलकर (1974) ने 18 रन बनाए होते, तो पूरी टीम के 42 रन ही रहते। मुझे याद है कि 1974 में कोई प्रतिरोध नहीं हुआ था। वह पूरा दौरा काफी भयानक था। वैसे भी हमें इसके बारे में नहीं सोचना चाहिए।” 1974 में अजीत वाडेकर की कप्तानी वाली भारतीय टीम को लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर पारी और 285 रन से हार मिली थी। भारत ने वो सीरीज 0-3 से गंवा दी थी।
बेदी ने 1974 के उस मैच में पहली पारी में छह विकेट लिए थे। उन्होंने कहा कि उस मैदान पर गेंद ज्यादा स्विंग नहीं हो रही थी। बेदी ने भारत की करारी हार के बाद कहा, “लॉर्ड्स में एक बहुत अच्छा और साफ दिन भी था। कोई बादल नहीं थे। यह सिर्फ इतना हुआ कि सीधी गेंद या तो स्टंप्स से टकराई या बल्ले का किनारा ले गई। लॉर्ड्स में गेंद स्विंग नहीं हो रही थी और ना ही लहरा रही थी, लेकिन एडिलेड में गेंद ज्यादा लहरा रही थी और स्विंग भी हो रही थी।”