
विमानन कंपनी इंडिगो के सह-संस्थापक राहुल भाटिया के साथ तीखे विवाद में उलझे प्रमोटर राकेश गंगवाल ने कंपनी पर गवर्नेस चूक का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक पान की दुकान भी इस मामले को बेहतर तरीके से सुलझा सकती थी।
गंगवाल ने कहा कि कंपनी अपने गवर्नेस के मूल सिद्धांतों और मूल्यों से दूर हट रही है। विमानन कंपनी की होल्डिंग कंपनी इंटरग्लोब एविएशन में गंगवाल और उनकी सहयोगी इकाइयों की करीब 37 फीसद हिस्सेदारी है। वहीं सह-संस्थापक राहुल भाटिया और उनकी सहयोगी इकाई (आइजीई) की कंपनी में करीब 38 फीसद हिस्सेदारी है। इंडिगों पर लगे इस आरोप के बाद अब कंपनी के शेयर में भारी गिरावट देखी जा रही है। आज बुधवार को कंपनी का शेयर 19 फीसद तक गिर गया।
गंगवाल ने कंपनी में गवर्नेस चूक की शिकायत पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) से की और कहा कि भाटिया उनकी सहयोगी कंपनियां संदेहास्पद संबद्ध पक्ष लेन-देन में शामिल है। उनके मुताबिक शेयरधारिता समझौते में उनके पुराने मित्र भाटिया को विमानन कंपनी पर असाधारण नियंत्रक अधिकार हासिल है।
गंगवाल ने अपनी शिकायत में कहा कि संदेहास्पाद संबद्ध पक्ष लेन-देन के अलावा कई बुनियादी गवर्नेस नियमों और कानूनों का भी पालन नहीं किया जा रहा है और यदि आज प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, तो निश्चित रूप से इसके बुरे परिणाम निकलेंगे।
सेबी से कंपनी से आरोपों का विस्तृत ब्योरा मांगा
प्रमोटर की शिकायत पर जांच शुरू करते हुए बाजार नियामक सेबी ने इंटरग्लोब एविएशन से 19 जुलाई तक आरोप से संबंधित पूरा ब्योरा मांगा। कंपनी ने शेयर बाजारों से कहा कि उसके बोर्ड को गंगवाल से एक पत्र मिला है। कंपनी सेबी के द्वारा दिए गए समय के अंदर उसे पूरा जरूरी विवरण उपलब्ध कराएगी।
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