एक बच्चे की मां, 30 वर्षीय मेजर खुशबू की अगुवाई में देश के सबसे पुराने अर्द्धसैनिक बल असम राइफल्स की 147 महिला सैनिकों की टुकड़ी ने राजपथ पर नारीशक्ति का गौरव प्रस्तुत किया. राजपथ पर प्रथम बार 183 साल पुरानी असम राइफल्स के महिला दस्ते ने अपना शक्ति सामर्थ्य दिखाया. उल्लेखनीय है कि असम राइफल्स की स्थापना 1835 में हुई थी. आजाद भारत के इतिहास में प्रथम बार असम राइफल्स की महिला टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया है.
इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में असम राइफल की महिला टुकड़ी के नेतृत्व में ‘नारी शक्ति’ का भी ऐतिहासिक प्रदर्शन देखने को मिला, जिसने पहली बार राजपथ पर परेड कर इतिहास के पन्नों में नाम अंकित कर दिया. इस कतमताल में मेजर खुशबू कंवर असम राइफल्स की महिला टुकड़ी की कमांडर थीं.
इस पर मेजर खुशबू कंवर ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि, ‘‘असम राइफल की महिला टुकड़ी का नेतृत्व करना मेरे लिये बेहद गौरव और प्रतिष्ठा की बात है. हमने कड़ा अभ्यास किया था. अगर मैं ये कर सकती हूं तो हर लड़की अपना सपना पूर्ण कर सकती है. मैं दूसरी महिलाओं को बताना चाहती हूं कि कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता है.’’