17 हजार करोड़ की धोखाधड़ी मामले में IL&FS का पूर्व MD गिरफ्तार, 4 अप्रैल तक हिरासत में

गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) ने सोमवार को संकट में फंसी IL&FS के पूर्व उपाध्यक्ष हरि शंकरन को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें धोखाधड़ी में शामिल होने तथा कंपनी तथा उसके कर्जदाताओं को नुकसान पहुंचाने के एवज में गिरफ्तार किया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि शंकरन को IL&FS तथा उसकी समूह इकाइयों के खिलाफ जारी जांच के संदर्भ में मुंबई में गिरफ्तार किया गया. IL&FS मामले में जांच एजेंसी की तरफ से यह पहली गिरफ्तारी है. बता दें, कंपनी पर करीब 94000 रुपये का कर्ज है.

शंकरन को IL&FS फाइनेंशियल सर्विसेज लि. में अपनी शक्तियों के दुरूपयोग को लेकर गिरफ्तार किया गया. उन पर आरोप है कि वह धोखाधड़ी में शामिल हुए और वैसी इकाइयों को कर्ज दिये, जो कर्ज देने लायक नहीं थे तथा उन्हें गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित किया गया. इससे कंपनी तथा उसके कर्जदाताओं को नुकसान हुआ. गिरफ्तारी के बाद उन्हें चार अप्रैल तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है.

सूत्रों के अनुसार IL&FS फाइनेंशियल सर्विसेज बॉन्ड तथा बैंक कर्ज के जरिये 17,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लिये. भविष्य निधि, म्यूचुअल फंड, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों ने इन बॉन्ड में निवेश किये. IL&FS में वित्तीय अनियमितता की बात उस समय सामने आयी जब कुछ इकाइयों ने कर्ज भुगतान में चूक की. सरकार ने कंपनी का नया निदेशक मंडल बनाया. कंपनी की समाधान योजना योजना पर काम जारी है.

IL&FS कंपनी में LIC का करीब 25 फीसदी शेयर है. Orix Corp का 23 फीसदी शेयर है. ठीक उसी तरह, IL&FS एंप्लॉय वेलफेयर ट्रस्ट का 12 फीसदी, अबूधाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी का 12.56 फीसदी, HDFC बैंक का 9.02 फीसदी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 7.67 फीसदी शेयर है. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का भी कंपनी में 7 फीसदी शेयर है.

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