मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार और राज्यपाल लाल जी टंडन एक बार फिर आमने सामने हैं। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा कि 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट आयोजित करें अन्यथा यह माना जाएगा कि आपके पास वास्तव में राज्य विधानसभा में बहुमत नहीं है।

एमपी के विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सोमवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने के कुछ देर बाद कोरोना वायरस का हवाला देते हुए सदन को 26 मार्च तक स्थगित कर दिया। इस पर भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया और कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट से डर रही है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट नहीं होने से नाराज बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। भाजपा ने 48 घंटे में मामले की सुनवाई करने की मांग की है।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद राज्यपाल लालजी टंडन वहां से बाहर चले गए। उन्होंने कहा, ‘सभी को संविधान के तहत नियमों का पालन करना चाहिए ताकि मध्य प्रदेश की गरिमा संरक्षित रहे।’
सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में फ्लोर टेस्ट कराना अलोकतांत्रिक होगा।
कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने कांग्रेस के कई विधायकों को कर्नाटक में बंदी बना लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार यह कहते आ रहे हैं कि वे फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं, लेकिन जब तक बेंगलुर में बंधक उनके विधायकों को स्वतंत्र नहीं किया जाता, तब तक फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता। इस बात को सोमवार को भी उन्होंने दोहराया है।
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