प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी-नई दिल्ली रूट पर 17 दिसंबर को दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। 16 कोच की इस ट्रेन में वाराणसी कैंट का ही रनिंग स्टाफ चलेगा। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारियों के आदेश पर कैंट स्टेशन के चार टीटीई का चयन भी कर लिया गया है। एक ही दिन में अब दोनों दिशाओं में यात्रियों को वंदे भारत की सुविधा मिलेगी। शेड्यूल और किराया दो दिन में जारी होगा।
रेल अधिकारियों के अनुसार सेवापुरी स्थित सभास्थल से वर्चुअल या फिर कैंट स्टेशन पहुंचकर भी प्रधानमंत्री शुभारंभ कर सकते हैं। दोनों तैयारियां रेल अधिकारियों की ओर से की जा रही हैं। लखनऊ डीआरएम स्तर के अधिकारियों की टीम शुक्रवार तक ट्रेन के संचालन संबंधित तैयारियों को अंतिम रूप देगी। वंदे भारत का रैक भी शुक्रवार तक वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंच सकता है।
पहली वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में दिल्ली के ही रनिंग स्टाफ चलते हैं। देश की सेमी हाईस्पीड नई वंदे भारत ट्रेन सुबह छह बजे वाराणसी कैंट से ट्रेन छूटेगी और प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल होते हुए अपराह्न तीन बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।
रनिंग स्टाफ का बदलेगा यूनिफार्म
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि नई वंदे भारत ट्रेन में टीटीई काला कोट पहनकर चेकिंग नहीं करेंगे। बल्कि उनके कोट का रंग ग्रे होगा। क्रू मेंबर का भी यूनिफार्म बदला हुआ रहेगा, जैसा कि पहली वंदे भारत ट्रेन में है।
प्रयागराज और कानपुर जाने वालों के लिए बड़ी सहूलियत
रेल अधिकारियों के अनुसार दो वंदे भारत ट्रेन के संचालन से प्रयागराज और कानपुर सेंट्रल के यात्रियों को बड़ी सहूलियत होगी। वाराणसी और नई दिल्ली दोनों दिशाओं से प्रयागराज और कानपुर वालों के लिए राहत है। सुबह छह बजे कैंट से वंदे भारत छूटेगी और डेढ़ घंटे में साढ़े सात बजे प्रयागराज और साढ़े तीन घंटे में कानपुर सेंट्रल पहुंचेगी।
आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी और महानगर उद्योग व्यापार समिति के अध्यक्ष प्रेम मिश्रा ने बताया कि व्यापारियों और उद्यमियों के लिहाज से सुबह के समय यह ट्रेन काफी उपयुक्त है।
नई दिल्ली-अयोध्या के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को भी झंडी दिखाएंगे प्रधानमंत्री
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से ही नई दिल्ली-अयोध्या के बीच नई वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ करेंगे। इस ट्रेन का शेड्यूल भी दो दिन में जारी होगा। पहली बार में ट्रायल रन के तौर पर ट्रेन संचालित होगी। जबकि दूसरी बार में ट्रेन में आरक्षण आदि सभी प्रक्रियाएं शुरू होंगी।