भारतीय लोग अपने फाइनेंशियल पासवर्ड को लेकर लापरवाही का रवैया अपनाते हैं। लोग पासवर्ड को या तो फोन में सेव करने के आदी होते हैं या नोटपैड पर लिख कर रखते हैं। इस तरह की लापरवाही की वजह से ही डेटा चोरी होने का खतरा बढ़ता है। एक सर्वे में सामने आई जानकारी के मुताबिक 17 प्रतिशत भारतीय नागरिक पासवर्ड असुरक्षित तरीके से सेव करते हैं।
भारतीय नागरिक अपने फाइनेंशियल पासवर्ड को लेकर लापरवाही का रवैया अपनाने हैं। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि एक सर्वे में सामने आई है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, एक हालिया सर्वे से पता चला है कि हर छठा भारतीय अपने जरूरी फाइनेंशियल पासवर्ड को असुरक्षित तरीके से सेव करता है।
एटीएम, डेबिट/क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड को लेकर लोग लापरवाह
सर्वे में सामने आया है कि करीब 17 फीसदी लोग एटीएम, डेबिट या क्रेडिट कार्ड, बैंक अकाउंट और ऐप स्टोर के जरूरी पासवर्ड “असुरक्षित” तरीके से सेव करते हैं।
ज्यादातर लोग अपने इन अकाउंट के पासवर्ड को मोबाइल फोन पर कॉन्टैक्ट लिस्ट में ऐड कर सेव रखते हैं तो वहीं कुछ फोन में नोटपैड पर इस तरह के पावसर्ड सेव रखते हैं। भारतीय नागरिकों का इन तरीकों से पासवर्ड सेव करना डेटा चोरी होने के खतरे को बढ़ाता है।
34 फीसदी लोग दूसरों के साथ करते हैं पासवर्ड शेयर
लोकल सर्किल्स द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 367 जिलों के 48,000 से अधिक उत्तरदाताओं ने हिस्सा लिया। सर्वे के मुताबिक, 34 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे अपने पासवर्ड दूसरों के साथ शेयर करते हैं।
लोकल सर्किल्स ने एक बयान में कहा कि इस साल मई में रिजर्व बैंक ने खुलासा किया था कि पिछले दो सालों में बैंक धोखाधड़ी में 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सर्वे के अनुसार, लगभग दो-तिहाई लोगों ने कहा कि वे महत्वपूर्ण पासवर्ड अपने पास रखते हैं, जबकि शेष 34 प्रतिशत ने कहा कि वे इसे साझा करते हैं।
परिवार के सदस्यों या दोस्तों के साथ शेयर होता है पासवर्ड
सर्वे में कहा गया है कि सर्वे का हिस्सा बने लोगों ने बताया कि पासवर्ड साझा करने का एक बड़ा हिस्सा एक या अधिक परिवार के सदस्यों के साथ होता है। जबकि कुछ इसे घरेलू या कार्यालय के कर्मचारियों और दोस्तों के साथ भी साझा करते हैं।
सर्वे में यह भी कहा गया है कि 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया है कि या तो वे खुद या उनके नजदीकी परिवार के किसी सदस्य ने पिछले पांच वर्षों में वित्तीय धोखाधड़ी का अनुभव किया है।