सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को स्वीडन की कंपनी एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया है। इस मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि आरकॉम को 550 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए समय बढ़ाया जा रहा है लेकिन, इसके बाद डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को सालाना 12% ब्याज चुकाने के भी आदेश दिए। बता दें कि आरकॉम ने स्पेक्ट्रम बिक्री पूरी न होने की वजह से कोर्ट से बकाया चुकाने के लिए 60 दिन का और समय मांगा था
एरिक्सन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आरकॉम की ओर से बकाया न चुकाने पर 1 अक्टूबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। आरकॉम पर पहले से ही करीब 45000 करोड़ रुपये का कर्ज है।
एरिक्सन की ओर से कोर्ट से अनिल अंबानी और आरकॉम के दो अधिकारियों के भारत छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
एरिक्सन ने आरोप लगाया था कि अनिल अंबानी की कंपनी 550 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने में नाकाम रही है इसलिए कंपनी को विल्फुल डिफ़ॉल्टर घोषित किया जाए। एरिक्सन ने अदालत से यह भी कहा कि आरकॉम को अपनी मोबाइल बिजनेस एसेट्स बेचने की अनुमति न दी जाए।
मालूम हो कि एरिक्सन और आरकॉम के बीच यह विवाद 4 साल पहले से चला आ रहा है। आरकॉम ने 2014 में उसका टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए एरिक्सन से 7 साल की डील की थी। एरिक्सन ने अपनी सेवाओं के बदले आरकॉम पर 1,600 करोड़ रुपए भुगतान का दावा ठोका।
इसके बाद एरिक्सन ने आरकॉम के खिलाफ दिवालिया कोर्ट में याचिका लगा दी। कोर्ट में समझौते के तहत आरकॉम ने कहा कि वह एरिक्सन को 550 करोड़ रुपए का भुगतान करेगा।