आधार को तमाम सर्विस से लिंक कराने की तारीख भले ही सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दी हो, लेकिन टेलीकॉम कंपनियां लगातार अपने ग्राहकों को इसे लिंक कराने पर जोर दे रही हैं. जनवरी में इसको लेकर कंपनियों ने एक टोल फ्री नंबर 14546 भी जारी किया था. इससे ओटीपी के जरिए आधार को घर बैठे मोबाइल नंबर से लिंक करा सकते हैं. लेकिन, ऐसा नहीं है. 14546 पर कॉल करने के बावजूद भी आधार आपके मोबाइल से लिंक नहीं होता. इसके पीछे एक बड़ी वजह निकल कर आई है. साथ ही इसे लेकर कंपनियों के पास भी कोई साफ गाइडलाइन नहीं है.
लिंक नहीं होता आधार
14546 डायल करने पर आपको कई ऑप्शन दिए जाते हैं. आधार से लिंक कराने के प्रोसेस को जारी रखने के लिए 1 दबाएं. इसके बाद सर्विस प्रोवाइडर आपसे आधार नंबर डालने को कहता है. इसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालने को कहा जाता है. फिर इस रजिस्टर्ड नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाता है. ओटीपी दर्ज करने के बाद भी आपका आधार लिंक नहीं होता. इस तरह की शिकायत लगातार बढ़ रही हैं. हालांकि, इसके पीछे एक बड़ा कारण है.
क्यों लिंक नहीं होता आधार
दरअसल, टेलीकॉम कंपनियां सिर्फ उन्हीं ग्राहकों का रिवैरिफिकेशन कर रही हैं. जिनका ऑपरेटर और आधार एक ही रीजन का है. उदाहरण के तौर पर अगर आप दिल्ली रीजन में टेलीकॉम सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं और आपका आधार भी दिल्ली रीजन का है तो ही मोबाइल-आधार लिंक होगा. किसी दूसरे राज्य के आधार होने पर लिंक कराने का प्रोसेस पूरा नहीं होगा.
ज्यादातर लोग हो चुके हैं माइग्रेट
सरकार और UIDAI ने आधार को पहचान पत्र के रूप में पूरे देश में मान्य रखने के निर्देश दिए हैं. फिर भी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर अपनी शर्तों पर आधार लिंक करते हैं. इसको लेकर कंपनियों के पास कोई गाइडलाइन नहीं है. आधार लिंक कराने के लिए नजदीकी कंपनी स्टोर पर जाने की बात कही जाती है. वहां फिर आपसे फिंगरप्रिंट (बायोमैट्रिक) वेरिफिकेशन लिया जाएगा. जिससे बाद ही आपका मोबाइल आधार से लिंक होगा.
बायोमैट्रिक देना अनिवार्य नहीं
UIDAI के मुताबिक, बायोमैट्रिक देना अनिवार्य नहीं है. यही वजह है कि मोबाइल लिंक कराने के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया था. लेकिन, टेलीकॉम कंपनियां अब भी बायोमैट्रिक के जरिए ही वैरिफिकेशन करने का दबाव बना रही हैं.
इन योजनाओं के लिए आधार जरूरी
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ का नेतृत्व करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सरकार आधार को जरूरी करने के लिए दवाब नहीं डाल सकती. यानी इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने और फैसला आने तक आधार की अनिवार्यता नहीं होगी. फिलहाल, सिर्फ सब्सिडी और सर्विसेज यानी सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के ही लिए आधार की अनिवार्यता रहेगी.