हांगकांग में फंसी लुधियाना के गांव भैणी साहिब की महिला 12 साल बाद वापस वतन लौटने में सफल हो पाई है। राज्यसभा सदस्य व पर्यायवरणविद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयास से एक बार फिर एक पंजाबन सकुशल परिवार में अपनों के बीच पहुंची है। वीरवार को परिवार के साथ महिला संत सीचेवाल का शुक्रिया अदा करने के लिए निर्मल कुटिया सुल्तानपुर पहुंची।
पीड़ित महिला ने बताया कि वह गरीब परिवार से है और दो बेटियों की मां है। वह 2012 में टूरिस्ट वीजा पर हांगकांग गई थी, लेकिन वहां स्थायी रूप से रहने की इच्छा के कारण उसने हांगकांग में काम करना जारी रखा।
गैंगस्टरों ने दी धमकी, मानसिक संतुलन खो बैठी
महिला ने बताया कि बताया कि वहां रहते हुए उसने एक अन्य महिला के साथ एक कमरा साझा किया। इसी बीच एक गैंगस्टर की शिकायत करना उसे महंगा पड़ गया। वहां के गैंगस्टरों उसे धमकिया देने लगे। इस कारण वह डिप्रेशन में चली गई और मानसिक संतुलन खो बैठी। पीड़िता के साथ आई उसकी बहन ने बताया कि गैंगस्टर ने उसे इतना डरा दिया कि वापस लौटने के बाद भी उसकी बहन डरी हुई है। उन्होंने कहा कि उसकी बहन ने उसे वीडियो कॉल कर बताया था कि हांगकांग में उसकी जान को खतरा है। बहन को वापस लाने के लिए उसने संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया और उन्होंने तुरंत इस मामले को विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास के साथ साझा किया। इसके चलते उसकी बहन कुछ महीनों बाद वापस लौट आई।
महिला ने नहीं हारी हिम्मत
पीड़िता की मां ने बताया कि वहां उनकी बेटी की हालत पूरे परिवार के लिए असहनीय थी। यह तो संत सीचेवाल के प्रयासों के कारण ही संभव हो सका कि उनकी बेटी 12 साल बाद अपने परिवार और बच्चों के पास सुरक्षित लौट आई है। संत सीचेवाल ने हांगकांग से आई इस पीड़ित महिला का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि वह एक साहसी औरत है, जिसने विकट परिस्थितियों में भी घर लौटने की उम्मीद नहीं छोड़ी। संत सीचेवाल ने भारतीय दूतावास को धन्यवाद देते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय हमेशा बड़ा योगदान है, जिसके कारण विदेश में फंसी भारतीय लड़कियों को सुरक्षित वापस लाया जा रहा है।
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