12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर फांसी, अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली!

12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर फांसी, अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली!

प्रेसिडेंट राम नाथ कोविंद ने केंद्रीय कैबिनेट के पॉक्सो एक्ट में सुधार के उस अध्यादेश को मुहर लगा दी है, जिसमें 12 साल से कम उम्र की बच्चों से रेप में दोषी होने पर मौत की सजा का प्रावधान है. वहीं, कांग्रेस ने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व से कहा है कि अध्यादेश लाने में इतनी देरी क्यों की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को कैबिनेट ने इस अध्यादेश को मंजरी के बाद राष्ट्रपति के पास भेज दिया था. कैबिनेट ने बैठक में ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ पॉक्सो में संशोधन किया है.12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर फांसी, अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली!

बता दें कि देश के चार राज्यों मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में 12 साल तक की बच्चियों से रेप करने वालों को फांसी देने का बिल पास हो चुका है. मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जिसने रेप के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान किया है. बीजेपी ने 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची से बलात्कार के मामले में दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड सहित कठोर दंड वाले अध्यादेश को ऐतिहासिक करार दिया. वहीं, विपक्षी दलों ने सवाल किया कि सरकार को यह कदम उठाने में इतना वक्त क्यों लग गया.

अध्यादेश से सजा में बदलाव
– 12 साल तक की बच्ची से रेप के मामले में कम से कम 20 साल या उम्र कैद या अधिकतम फांसी की सजा हो सकेगी
– 12 साल तक की बच्ची से पहले रेप न्यूनतम 7 साल या अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान था
– 13 से 16 साल तक की बच्ची से रेप में अब नए कानून से न्यूनतम 20 साल की और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा होगी
– 13 से 16 साल तक की बच्ची से पहले रेप के मामले में 10 साल से अधिकतम उम्रकैद का प्रावधान था

नतीजे पर पहुंचने में इतना वक्त क्यों लगा
– कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पार्टी ऐसे मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में किसी भी गंभीर कदम का स्वागत करती है. उन्होंने कहा, ” भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की मंशा को लेकर जो सवाल मेरे मन में आता है, वह यह है कि उन्हें इस नतीजे पर पहुंचने में इतना वक्त क्यों लगा कि कड़े कानून और कठोर दंड से जरूरी परिवर्तन आएगा.”

– कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है और ये घटनाएं शर्मनाक हैं. उन्होंने कहा , ”हमें ऐसी घटनाओं की जड़ तक पहुंचना चाहिए क्योंकि, न्यायपालिका हमें एक हद तक ही मदद कर सकती है.”

– पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह का कदम वक्त की नजाकत है. अमरिंदर ने कहा कि ऐसे अपराधी मानवता के चेहरे पर एक धब्बा हैं और वह किसी दया के लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि वह नाबालिगों से बलात्कार के मामलों में ऐसे दंड के पक्ष में है जो नजीर बन सके.

सीपीएम सैद्धांतिक रूप से फांसी के खिलाफ
सीपीएम नेता वृंदा करात ने कहा कि दुर्लभतम मामलों में मृत्युदंड दिया जाता है, लेकिन उनकी पार्टी सैद्धांतिक रूप से फांसी की सजा के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि असली समस्या यह नहीं है कि बच्ची से बलात्कार करने वालों को मृत्युदंड नहीं दिया जा रहा है, बल्कि मुद्दा यह है कि सत्तासीन लोग बलात्कारियों को बचा रहे हैं. करात ने कहा, ” हमने भाजपा के गोरक्षक होने के बारे में सुना था, लेकिन अब वे बलात्कारियों के रक्षक हो गए हैं. बलात्कारियों की रक्षा करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए.”

अमित शाह ने बताई सरकार की प्रतिबद्धता
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह कदम महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है. शाह ने ट्वीट किया, ” मैं महिलाओं की सुरक्षा पर ऐतिहासिक अध्यादेश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट का शुक्रिया अदा करता हूं और बधाई देता हूं. मैं 12 साल से कम उम्र की किसी बच्ची के साथ बलात्कार के लिए फांसी की सजा के प्रावधान का और 16 साल से कम उम्र की किशोरी के साथ इस अपराध को अंजाम देने वाले के लिए सजा बढ़ाकर 10 साल से 20 साल करने के प्रावधान का स्वागत करता हूं.”

– बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है, क्योंकि सरकार ने लंबे समय से की जा रही मांग को पूरा किया है.

– छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह फैसला स्वागतयोग्य है.

– जम्मू – कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में इसी तरह का कानून लाएगी.

 

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