सेक्टर-30 स्थित सुपर स्पेशियलिटी पीडियाट्रिक्स हॉस्पिटल एंड पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग इंस्टीट्यूट (चाइल्ड पीजीआइ) के डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी से 11 माह के बच्चे के पेट से डेढ़ इंच की चाबी निकाली। डॉक्टरों ने बिना सर्जरी के दो घंटे से भी कम वक्त में यह सफलता पाई।
सेक्टर-31 के निठारी गांव निवासी महिपाल ने बताया कि 24 जुलाई को उनके बेटे ऋषि ने चाबी निगल ली थी। वह उसे लेकर चाइल्ड पीजीआइ पहुंचे और डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर करीब दो घंटे में ही बिना सर्जरी किए उसके पेट से चाबी निकाल दी। बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है।
चाइल्ड पीजीआइ में गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया कि शरीर में ‘फॉरेन बॉडी’ (सिक्का, कील या कोई अन्य वस्तु)के प्रवेश से खाना निगलने में परेशानी होती है। पेट-छाती में दर्द, मतली-उल्टी, दस्त आना, मल में खून आने जैसी समस्या शुरू होने लगती हैं।
बच्चे के पेट में सबसे निचले हिस्से में चाबी पड़ी थी। इसलिए साथी चिकित्सक डॉ. विकास जैन के साथ मिलकर एंडोस्कोपी का ही फैसला लिया गया। एंडोस्कोपी से उपचार में शरीर के अंदर एक पतली नली डाली जाती है, जिसके अगले हिस्से पर कैमरा लगा होता है। मुंह के रास्ते से एंडोस्कोपी के दौरान छेदनुमा रबड़ गार्ड लगा दिया जाता है, जिससे अंगों पर किसी तरह की रगड़ न लगे।
दो दिन पहले ही बिहार के हाजीपुर में हैरान करने वाला एक मामला सामने आया था। इसमें एक गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म तो दिया मगर इस डिलीवरी में हैरान करने वाला मामला सामने आया। महिला के पेट में बच्चे के साथ बंदूक की गोली भी निकली थी। यह मामला पटना से सटे हाजीपुर के सुल्तानपुर का है। यहां की निवासी रूपा ने परिवारवालों से पेट में दर्द की शिकायत की इसके बाद उसके रिश्तेदारों ने अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था।