सोमवार को पहली यूएस फ्लाइट अंटार्कटिका पहुंची है। इसमें 106 यात्री और क्रू मेंबर मौजूद हैं। इस दौरान विशेष एहतियात बरते गए हैं ताकि कोरोना वायरस महाद्वीप से इस जानलेवा वायरस को दूर रखा जा सके। यात्रा से पहले सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स का कोरोना टेस्ट किया गया। गौरतलब है कि अंटार्कटिका पहला ऐसा महाद्वीप है जहां कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। एपी एजेंसी के अनुसार करीब एक हजार वैज्ञानिक और अन्य लोग इस बर्फीली जगह पर रहते हैं। जिन्होंने कई महीनों के बाद अब सूरज देखा है। इन लोगों ने एक वैश्विक प्रयास शुरू किया है, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जा सके कि यहां आने वाले उनके सहकर्मी अपने साथ यह जानलेवा वायरस लेकर न आएं।

न्यूजीलैंड में अमेरिकी अंटार्कटिक प्रोग्राम के प्रतिनिधि टॉनी जर्मन ने जानकारी दी कि सोमवार को यूएस के क्राइस्टचर्च की गेटवे सिटी से 106 यात्रियों और क्रू मेंबर्स को लेकर यूएस एयर फोर्स की फ्लाइट महाद्वीप के लिए रवाना हुई।
तूफानों के कारण उड़ान तीन हफ्ते देरी से गई है। जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों के लिए क्वारंटाइन की अवधि छह हफ्तों के लिए आगे बढ़ा दी गई है। जर्मन ने कहा कि क्रू मेंबर्स पहले चार दिनों के लिए सैन फ्रांसिस्को में आइसोलेशन में थे और फिर न्यूजीलैंड में पांच सप्ताह आइसोलेशन में बिताए। इसके अलावा रास्ते में भी कई वायरस परीक्षण किए गए। मैकमुर्डो स्टेशन पर उनके आगमन पर इन लोगों ने कोड येलो में प्रवेश किया। इसका मतलब है कि इन सभी लोगों को दो सप्ताह के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
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