1 फरवरी को बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया. इस बजट में किसान योजना की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से डायरेक्ट इनकम की मदद दी जाएगी. यह रकम 2,000 रुपये प्रत्येक की तीन समान किस्तों में लाभान्वित किसानों के बैंक खातों में सीधे ही ट्रांसफर कर दी जाएगी. योजना पर सरकार 75,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर रही है.
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में अब चंद दिन बचे हैं और उससे पहले सरकार ने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की दूसरी किस्त भी बिना आधार नंबर के देने का फैसला किया है. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि योजना के तहत 1 अप्रैल को किसानों को भेजी जाने वाली 2,000 रुपये की दूसरी किस्त प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं होगा. बता दें कि पहली किस्त पाने के लिए भी आधार की उपलब्धता को वैकल्पिक रखा गया था.
बीते दिनों ऐसी खबरें चल रही थीं कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की दूसरी किस्त पाने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है. दरअसल, फरवरी में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भेजे पत्र में दूसरी और उसके बाद की किस्त के लिए आधार नंबर अनिवार्य करने की बात कही थी. हालांकि अब यह स्पष्ट हो गया है कि दूसरी किस्त के लिए भी किसानों को आधार अनिवार्य नहीं होगा. इससे पहले कृषि मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि राज्य सरकारें गांवों में लाभार्थी छोटे और सीमान्त किसानों का डाटाबेस बनाएं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पीएम- किसान योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत करीब 1 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2000 रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई.
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