देश में बुधवार को एक-दो नहीं, चार बार भूकम्प आया। गनीमत यह रही कि इस भूकम्प की तीव्रता जहां कम रही, वहीं इसका केन्द्र धरती में 6 से 10 किमी की गहराई पर रहा। यही कारण रहा कि कोई जनहानि नहीं हुई। ग्वालियर में लोगों को भूकम्प के इन झटकों का कोई अहसास नहीं हुआ। अलवत्ता वायुमंडलीय दबाव मापने के लिए दीवार पर लगाए गए बैरोग्राफ में सुबह 7.59 बजे आए विचलन से भूकम्प के असर का प्रमाण जरूर मिल गया।
मौसम कार्यालय प्रभारी उमाशंकर चौकसे ने बताया कि स्थानीय मौसम कार्यालय या आसपास के स्टेशन पर भूकम्प मापी यंत्र नहीं है। मौसम केन्द्र नईदिल्ली के रिकॉर्ड अनुसार देश में बुधवार को चार बार भूकम्प आया। भूकम्प का पहला झटका 7 बजकर 59 मिनट 32 सेकंड पर आया। इसका केन्द्र धरती में 6 किमी की गहराई पर बागपत उप्र रहा। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई। दूसरा झटका 10 बजकर 14 मिनट 15 सेकंड व तीसरा झटका दोपहर 1 बजकर 24 मिनट 23 सेकंड पर आया। इन दोनों झटकों का केन्द्र पालघर महाराष्ट्र में धरती से 10 किमी की गहराई पर रहा। चौथा झटका दोपहर 1बजकर 28 मिनट 56 सेकंड पर आया। इसका केन्द्र भी धरती में 10 किमी की गहराई में पालघर महाराष्ट्र रहा।
थाटीपुर स्थित मौसम कार्यालय में पुरानी पद्धति पर आधारित एक बैरोमीटर दीवार पर लगा हुआ है। मूल रूप से इसका काम पल-प्रतिपल वायुमंडलीय दाब को मापना है। बावजूद इसके यदि कभी भी ग्वालियर में भूकम्प आता है तो बैरोग्राफ पर विचलन दर्ज हो जाता है। इस बार भी वैसा ही हुआ। सुबह के समय 4 तीव्रता के भूकम्प के दौरान इस बैरोमीटर के बैरोग्राफ पर विचलन दर्ज किया गया है।
चौकसे ने बताया, वास्तव में लोगों को टीवी पर समाचार के जरिए ही यह पता चला कि देश में आज भूकम्प आया है, लेकिन लोगों को इसका अहसास नहीं हो सका। यही कारण रहा कि इस मामले में जानकारी के लिए लोगों ने फोन लगाकर भूकम्प की कोई जानकारी नहीं मांगी। वैसे भी जब भूकम्प मापी पर इसकी तीव्रता कम हो और केन्द्र बहुत अधिक गहराई में हो तो लोगों को इसका अहसास भी नहीं होता।