नई दिल्लीः 1 अप्रैल से देश में कई नियम बदल जाएंगे. एक तरफ जहां रेलवे में आरक्षण की नई प्रणाली ‘विकल्प’ लागू होगी. वहीं देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के बदले हुए नियम भी लागू होंगे.गाड़ियों को लेकर भी नियम बनाएं गए है साथ ही कैश लिमिट भी निर्धारित की गई है। चलिए हम आपको बताते है कि आखिर नियमों में इन बदलावों से आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा. 
रेलवे में आरक्षण प्रणाली ‘विकल्प’ होगी लागू: रेल मंत्रालय ने ‘विकल्प’ नामक एक नई आरक्षण प्रणाली या वैकल्पिक ट्रेन आवास योजना (एटीएएस) की घोषणा की है, जो कि 1 अप्रैल 2017 से अमल में आ जाएगी। विकल्प योजना के अंतर्गत वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को राजधानी, शताब्दी या अन्य प्रीमियम/विशेष ट्रेनों में यात्रा करने का अवसर मिल सकता है। भले ही उन्होंने अन्य मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों में एक ही गंतव्य के लिए टिकट बुक कराए हों। इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा। मंत्रालय की विकल्प योजना का उद्देश्य मेजर रुट्स पर प्रीमियम ट्रेनों में काफी सारी खाली बर्थ को भरना है। मौजूदा समय में रेलवे यह योजना चुनिंदा रुट्स पर पायलट आधार पर पेश करने जा रहा है.
-शुरुआती तौर पर विकल्प योजना केवल ई-टिकट के लिए ही उपलब्ध होगी.
-इस स्कीम के तहत, वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को विकल्प स्कीम के चयन का मौका मिलेगा.
-विकल्प में उन यात्रियों का चयन किया जाएगा जिनका नाम चार्ट तैयार होने के बाद भी कन्फर्म नहीं होता है, केवल इन्हीं के लिए वैकल्पिक ट्रेन में आवंटन पर विचार किया जाएगा.
-रेल यात्री को अल्टरनेट ट्रेन में सीट आबंटित कर दिए जाने के बाद उसे सामान्य यात्री ही माना जाएगा और वो अपग्रेडेशन के पात्र होंगे.
-रेलवे ने कहा कि विकल्प योजना के तहत हर ट्रेन में बर्थ के उपयोग की सुविधा मिल सकेगी.
-वेटिंग लिस्ट वाले यात्री जो विकल्प योजना का विकल्प चुनेंगे उन्हें चार्ट तैयार होने के बाद पीएनआर स्टेटस चेक करना चाहिए.
-किसी ट्रेन से वेटिंग लिस्ट वाले यात्री को नई ट्रेन आबंटित हो जाने के बाद इस ट्रेन में बोर्ड करने की अनुमति नहीं होगी.
-विकल्प का चयन करने वाले यात्री जिन्हें अल्टरनेट ट्रेन में अकोमडेशन दिया जा चुका है उनका नाम मूल ट्रेन की वेटिंग लिस्ट में नहीं दर्ज किया जाएगा.
-जब विकल्प का चयन करने वाला कोई यात्री कैंसिल का विकल्प चुनता है इसके बाद उसे अल्टरनेट अकोमडेशन दे दिया जाता है और वो एक कन्फर्म्ड पैसेंजर के तौर पर माना जाता है. इसके बाद भी कैंसिलेशन के नियम नियमता लागू होंगे.
1 अप्रैल से लागू होंगे SBI के नए नियम: SBI के कैश और एटीएम ट्रांजैक्शन के नियम भी 1 अप्रैल से बदलने वाले हैं. अब सिर्फ 3 बार फ्री डिपॉजिट आपके अकाउंट में हो सकेगा. इसके बाद हर डिपॉजिट पर 50 रुपए लगेंगे. मेट्रो सिटी ब्रांच में कम से कम 5000, शहरी ब्रांच में 3000, छोटे शहरों में 2000 और गांवों की ब्रांच में खुले हुए खाते में कम से कम 1000 रुपए रखना अनिवार्य होगा. 5 फ्री ट्रांजैक्शन के बाद 10 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन देना होगा. अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में 25,000 रुपए से ज्यादा है तो इनमें से कोई भी नियम लागू नहीं होगा. हर तीन महीने में 15 रुपए एसएमएस चार्ज लिया जाएगा.
कैश लिमिट निर्धारण: बजट 2017 के दौरान जेटली ने कैश ट्रांजैक्शन लिमिट 2 लाख तक करने की बात कही थी फिलहाल ये 3 लाख है. अगर बदलावों को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो पेनल्टी की रकम उतनी ही होगी, जितनी एक्स्ट्रा रकम कैश में ली गई है। यानी अगर किसी ने 5 लाख रुपए कैश में लिए हैं तो उसे 3 लाख रुपए की पेनल्टी देनी पड़ सकती है. अगर ये नियम लागू होता है तो शादी, पार्टी, जमीन की खरीदारी, गहनों की खरीदारी आदि पर एक दिन में 2 लाख से ज्यादा का कैश ट्रांजैक्शन नहीं किया जा सकेगा.
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