#बड़ी खबर: 1 अप्रैल से अस्तित्व में आएगा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक, ग्राहकों पर पड़ेगा असर

#बड़ी खबर: 1 अप्रैल से अस्तित्व में आएगा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक, ग्राहकों पर पड़ेगा असर

एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा। देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय होगा। तीनों बैंकों में सरकार की 70 फीसदी हिस्सेदारी है। विलय को मंजूरी मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार ने पर्याप्त पूंजी देने का भरोसा दिया है।#बड़ी खबर: 1 अप्रैल से अस्तित्व में आएगा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक, ग्राहकों पर पड़ेगा असर

देश में यह हैं पांच बड़े बैंक

देश में जो पांच बड़े बैंक हैं उनमें एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं। एसबीआई में फिलहाल सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय हो चुका है।

इस विलय के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। इस विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के पास कुल 9401 बैंक शाखाएं और कुल 13432 एटीएम हो जाएंगे। एसबीआई के पास 59,291 एटीएम और 18 हजार से ज्यादा शाखाएं हैं। वहीं आईसीआईसीआई बैंक के पास 4,867 शाखाएं और 14,367 एटीएम हैं।

सरकार ने दिया तोहफा

हालांकि विलय से पहले केंद्र सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा को तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा में 5,042 करोड़ रुपये डालने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह इक्विटी शेयरों के तरजीही आवंटन के जरिए यह निवेश करेगी।

यह इक्विटी शेयर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आवंटित किए जाएंगे। विलय के समझौते के तहत विजया बैंक को 1000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 और देना बैंक को 1000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर दिए जाएंगे।

85 हजार कर्मचारियों की संख्या

एकीकरण के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा, जिसका कुल कारोबार 14,82,422 करोड़ रुपये का और उसमें 85,675 कर्मचारी और अधिकारी होंगे। इस समय बैंक ऑफ बड़ौदा में 56,361, विजया बैंक में 15,874, जबकि देना बैंक में 13440 कर्मचारी हैं।

14.82 करोड़ का होगा कारोबार

इससे बड़े या मजबूत बैंक की अपेक्षा छोटे या कमजोर बैंक में काम करने वाले कर्मचारियों को फायदा होगा। उनकी न सिर्फ सेवा शर्तें बेहतर हो जाएंगी, बल्कि वेतन भत्ता भी बेहतर हो जाएगा। इस बैंक का कुल कारोबार 14,82,422 करोड़ रुपये का होगा जबकि कुल ऋण 6,40,592 करोड़ रुपये का होगा।

फिर से खोलना पड़ सकता है खाता

इन तीन बैंकों के ग्राहकों को नए बैंक में अपना फिर से खाता खोलना होगा। इससे उनका पेपर वर्क काफी बढ़ जाएगा। ग्राहकों को खाता खोलने के लिए एक बार फिर से केवाईसी की प्रक्रिया को दोहराना होगा। केवाईसी हो जाने के बाद ग्राहकों को नई चेकबुक, एटीएम कार्ड और पासबुक मिलेगी।

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