रिचर्डसन के इस बयान को आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर के हालिया बयान से जोड़कर देखा जा रहा है, जिन्होंने कहा था कि टेस्ट क्रिकेट धीरे-धीरे ‘समाप्त’ हो रहा है.
‘क्रिकइंफो’ ने रिचर्डसन के हवाले से कहा है कि, ‘मनोहर के कहने का तात्पर्य था कि टेस्ट क्रिकेट को अधिक प्रासंगिकता की आवश्यकता है.’उन्होंने कहा है कि, ‘हां, समय समय पर कुछ बेजोड़ मैच होते रहते हैं, किन्तु अगर आप उन प्रतिनिधित्व करने वाली टीमों का हिस्सा या प्रशंसक नहीं है, तो उस निश्चित श्रृंखला को लेकर असली रुचि (वैश्विक स्तर पर प्रशंसकों के बीच) नहीं होती है.’
रिचर्डसन ने आगे कहा है कि, ‘और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के शुरू होने से इसकी रुचि में इजाफा होगा और टेस्ट मैचों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी फिर चाहे कोई भी टीम मुक़ाबला खेल रही हो. मनोहर भी यही कह रहे थे. टेस्ट क्रिकेट को इसी अतिरिक्त बढ़ावे की आवश्यकता है, इसको बढ़ावा देने की आवश्यकता है और हम आशा करते हैं कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप इसका जवाब होगी.
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