अगली बार जब आप पुणे जाएं तो वहां की सड़क पर थूकने से पहले कई बार सोचें। दरअसल, सड़कों को साफ रखने की पहल के तहत स्थानीय निकाय प्रशासन ने लोगों को थूकने पर दंड देने की शुरुआत की है। आर्थिक जुर्माने का प्रावधान तो पहले भी था, लेकिन अब ऐसा करने वाले को सड़क भी साफ करनी होगी। फिलहाल पांच वार्डो में इसकी शुरुआत पिछले सप्ताह से की गई है। अब तक ऐसा करने वाले 156 लोगों को पकड़ा गया है। इन सभी से जहां सड़क साफ कराई गई वहीं इनमें से प्रत्येक पर 150 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
पुणे नगर निगम के सालिड वेस्ट मैनेजमेंट विभाग के प्रमुख दयानेश्वर मोलक ने कहा कि 2018 के स्वच्छ सर्वेक्षण में पुणे दसवें स्थान पर था, जबकि इंदौर सबसे ऊपर था। इस बार हमारा उद्देश्य है कि पुणे प्रथम स्थान पर आए। यह अभियान 2019 के स्वच्छ सर्वेक्षण को ध्यान में रखकर भी चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पहले प्रत्येक बुधवार को ‘थूक निषेध दिवस’ मनाया जाता था, लेकिन बाद में यह बंद हो गया। हमारा प्रयास इसे पुन: शुरू करने का है। इस अभियान को जहां पहले प्रतिदिन चलाया जाएगा, वहीं एक बार जागरूकता आने के बाद इसे किसी एक दिन सीमित कर दिया जाएगा।
सड़क साफ करने वाले दंड के संदर्भ में मोलक ने बताया कि इसका उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना नहीं है। हालांकि जब सड़क गंदा करने वाला स्वयं उसकी सफाई करेगा तो वह शर्मिदा होगा और अगली बार ऐसा करने से पहले कई बार सोचेगा।