बीएससी की एक छात्रा ने अलीगंज के डी ब्लॉक स्थित गर्ल्स हॉस्टल में फांसी लगा ली. सूचना पर पहुंची पुलिस ने अंदर से बंद दरवाजे को तोड़कर छात्रा को नीचे उतारा. छात्रा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
कमरे में थी अकेले
बांदा निवासी प्रकाश चन्द्र गुप्ता स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं. उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है. दो बेटियां नीलम और निधि (23) अलीगंज में सेक्टर डी स्थित दीपक के घर पर बने हॉस्टल में रहती हैं. नीलम प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है, जबकि निधि बीएसी तृतीय वर्ष की छात्रा थी. नीलम की शनिवार सुबह 6 बजे की क्लास थी वह कोचिंग चली गई. निधि कमरे में अकेले मौजूद थी.
सबके सामने लगाई फांसी
सुबह करीब 9 बजे निधि ने रूम का दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया और पंखे में फंदा बनाकर फांसी लगाने लगी. यह नजारा हॉस्टल में रहने वाली अन्य लड़कियों ने देखा तो उसे बचाने के लिए चीख पुकार मचाई. उनकी आवाज सुनने के बाद भी निधि ने दरवाजा नहीं खोला. लड़कियों ने इसकी जानकारी हॉस्टल मालिक दीपक को दी. हॉस्टल मालिक पास में स्थित अलीगंज थाने पहुंचे और पुलिस को सूचना दी.
चल रही थी सांसे
मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा. पुलिस ने निधि को फंदे से नीचे उतारा तो उसकी सांसे चल रही थी. पुलिस उसको इलाज के लिए ट्रामा सेंटर लेकर पहुंची जहां करीब 30 मिनट तक चले इलाज के बाद उसने दम तोड़ दिया. पुलिस को कमरे में तलाशी के दौरान एक डायरी में सुसाइड नोट मिला. सुसाइड नोट में निधि ने मां, पिता और भाई, बहनों से माफी मांगते हुए जिंदगी से परेशान होने की बात लिखी. उसने लिखा कि वह अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रही है.