धार्मिक आस्था या किसी संकल्प के लिए अक्सर लोग व्रत रखते हैं पर मुंबई में इन दिनों ध्वनि प्रदूषण से लोगों को जागरूक करने के लिए हॉर्न व्रत चलाया जा रहा है. महाराष्ट्र में आवाज फाउंडेशन ने महाराष्ट्र परिवहन विभाग, रिक्शा यूनियन के साथ मिलकर ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए नई पहल की है. इस अभियान के अंतर्गत ये सभी संगठन लोगों से सड़कों पर हॉर्न न बजाने की अपील कर रहे हैं. इसलिए इस अभियान को ‘हॉर्न व्रत’ नाम दिया गया है.
बता दें कि हॉर्न व्रत कैंपेन की शुरुआत 27 जनवरी 2018 को गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुआ. हॉर्न व्रत का मतलब है कि हॉर्न बजाने से तौबा करना. हॉर्न व्रत अभियान के हिस्से के रूप में ऑटो रिक्शा के पूरे बॉडी पर हॉर्न लगे हुए हैं और इसके साथ लोगों से हॉर्न न बजाने की अपील की जा रही है और यह मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में जाकर अपील कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, रिक्शामेन यूनियन के एक सदस्य ने कहा कि हॉन्किंग (हॉर्न बजाना) द्वारा ध्वनि प्रदूषण तनाव और क्रोध को बढ़ाता है. साथ ही और ध्वनि प्रदूषण के संपर्क में होने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. हॉर्न से सुसज्जित थ्री व्हिलर हॉर्न न बजाने की अपील कर रहा है और जागरुकता फैलाने के लिए मुंबई और इसके आस-पास घूम रहा है. इसमें सबसे अच्छी बात है कि इस अभियान को पुलिस का अच्छा साथ मिला है.