असम में छह महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले हुए बोडोलैंड परिषद चुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है। पार्टी ने यहां 40 में से नौ सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि 2015 में हुए चुनाव में उसे केवल एक सीट मिली थी। सत्तारूढ़ बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) को 17 और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को 12 सीटों पर जीत मिली है।

कांग्रेस और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) को एक-एक सीट पर जीत मिली है। जबकि बदरूद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ अपना खाता खोलने में नाकाम रही है। यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इन्हें विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
राज्य में मिलकर सरकार चला रहे बीपीएफ और भाजपा गठबंधन ने बीटीसी चुनाव अलग-अलग लड़ा था। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ खड़े दिखाई दिए। भाजपा और यूपीपीएल ने किसी भी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों ने त्रिशंकु परिणाम आने की स्थिति में चुनाव के बाद संभावित गठबंधन का संकेत दिया है।
यूपीपीएल प्रमुख प्रमोद ब्रह्मा दो सीटों से जीते हैं। उन्होंने शनिवार देर रात बीटीसी चुनाव पर भाजपा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मंगलदोई के सांसद दिलीप सैकिया के साथ विचार-विमर्श किया। परिषद के गठन के संबंध में उनके निर्णय की घोषणा जल्द होने की संभावना है।
सरमा ने संवाददाताओं से कहा कि इस फैसले की घोषणा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ चर्चा के बाद की जाएगी। परिषद का चुनाव नई दिल्ली में 27 जनवरी को नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सभी चार गुटों के नेताओं द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद हुआ है। यह समझौता तब ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) के प्रमुख प्रमोद बोरो, तत्कालीन बीटीसी प्रमुख हाग्रामा मोहिलरी और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के बीच हुआ था।
40 सदस्यीय परिषद चुनाव के लिए मतपत्रों की गिनती शनिवार से शुरू हुई और रविवार सुबह तक जारी रही। प्रमुख विजेताओं में बीपीएफ प्रमुख हाग्रामा मोहिलरी शामिल हैं, जो देबेरगांव सीट से जीते है लेकिन उन्हें कछुगांव सीट पर यूपीपीएल के उम्मीदवार उकील मुशहरी से हार मिली है। बीटीसी का चुनाव चार जिलों- कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी को कवर करता है।
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