
CRPF और आर्मी कैंप के पास आतंकी हमला, लश्कर कमांडर की मौत के बाद 7 इलाकों में कर्फ्यू
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप शर्मा वाली बेंच ने कहा कि नेशनल हाइवेज और स्टेट हाइवेज पर दिन-रात की यात्रा करने वाले पर्यटकों व यात्रियों को मजबूर होकर खुले में शौच व पेशाब करना पड़ता है। इसकी वजह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के साथ प्रदूषण में भी बढ़ता है।
गौरतलब है कि खुले में शौच मुक्ति का दर्जा पाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा राज्य बन गया है।
हालांकि न्यायमूर्ति देवेन खन्ना की रिपोर्ट इस मामले में चौंका देने वाली है। एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 2006-07 और 2010-11 के बीच करीब 1 करोड़ शौचालय बनाये गए लेकिन इसमें से बड़ी संख्या में खराब पड़े हैं। जिसकी वजह से उनका इस्तेमाल शौच व पेशाब के लिए नहीं हो पा रहा है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal