अफगानिस्तान के टेस्ट क्रिकेट के सपने को भारत ने चकनाचूर कर दिया। उसके लिए पदार्पण टेस्ट बुरे सपने की तरह साबित हुआ और भारत ने उसे इस ऐतिहासिक टेस्ट के दूसरे दिन ही पारी और 262 रन के अंतर से धूल चटाई। 141 साल के टेस्ट इतिहास में यह सिर्फ 21वां मौका है जब किसी टीम ने कोई टेस्ट मैच सिर्फ दो दिन में जीता। वहीं, भारत दो दिन में टेस्ट जीतने वाली पहली एशियाई टीम बना। इसी के साथ टीम इंडिया ने आयरलैंड और इंग्लैंड के दौरे से पहले शानदार जीत हासिल कर अपने मनोबल में भी वृद्धि की। भले ही अफगानिस्तान की टीम इस टेस्ट मैच को हार गई हो, लेकिन उसने फिर भी एक विश्व रिकॉर्ड तो बना ही दिया।  पदार्पण टेस्ट मैच में सबसे बड़ी हार अफगानिस्तान को लंबे प्रारूप के अनुभव की कमी खली। इस मैच में भारत ने पहली पारी में 474 रन बनाए। अफगानिस्तान की पहली पारी सिर्फ 109 रन पर सिमट गई। पहली पारी के आधार पर भारत को 365 रन की बढ़त मिली, जिसके बाद भारत ने अफगानिस्तान को फॉलोऑन खेलने पर मजबूर किया और दूसरी पारी में मेहमान टीम सिर्फ 103 रन पर ही ढेर हो गई। छोटे प्रारूप में कुछ मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली अफगानिस्तान की टीम अपने पदार्पण टेस्ट की दोनों पारियों में मिलाकर वह सिर्फ 66.3 ओवर (पहली पारी में 27.5 ओवर और दूसरी पारी में 38.4 ओवर) का सामना ही कर सकी। उसके इस प्रदर्शन से लंबे प्रारूप की उसकी मांग की तत्परता पर सवालिया निशान लगे हैं। पदार्पण टेस्ट मैच खेलने वाली किसी भी टीम की यह सबसे बड़ी हार है। इससे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम दर्ज था, जिसे अपने पहले टेस्ट में भारत के खिलाफ पारी और 70 रन से हार का सामना करना पड़ा था। अफगानिस्तान ने इस मैच के साथ टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा और 141 साल के टेस्ट इतिहास में वह दो दिन में अपना पदार्पण टेस्ट हारने वाली सिर्फ दूसरी टीम बनी। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने 129 साल पहले अपना पदार्पण टेस्ट दो दिन में गंवाया था। तब 1889 में पोर्ट एलिजाबेथ में उसे इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट से शिकस्त मिली थी। हालांकि, वह टेस्ट तीन दिन का था। लेकिन टेस्ट क्रिकेट इतिहास में ये पहला मौका था जब कोई भी टीम पांच दिन के टेस्ट मैच में सिर्फ दो दिन में अपना पदार्पण टेस्ट मैच हार गई हो। उमेश ने पूरा किया विकेटों का शतक भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने पहली पारी में रहमत खान को एलबीडब्ल्यू आउट कर टेस्ट क्रिकेट में अपने विकेटों का शतक पूरा किया। वह टेस्ट क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले भारत के कुल 22वें गेंदबाज और आठवें तेज गेंदबाज हैं। तेज गेंदबाजों में उनसे पहले भारत के लिए यह उपलब्धि कपिल देव (434), जहीर खान (311), इशांत शर्मा (238), जवागल श्रीनाथ (236), मोहम्मद शमी (110), करसन घावरी (109) और इरफान पठान (100) हासिल कर चुके हैं। यह उमेश का 37वां टेस्ट मैच था और उनके नाम कुल 103 टेस्ट विकेट हो चुके हैं।

हारने की बाद भी अफगानिस्तान ने बना लिया WORLD RECORD, पहली बार हुआ ऐसा

अफगानिस्तान के टेस्ट क्रिकेट के सपने को भारत ने चकनाचूर कर दिया। उसके लिए पदार्पण टेस्ट बुरे सपने की तरह साबित हुआ और भारत ने उसे इस ऐतिहासिक टेस्ट के दूसरे दिन ही पारी और 262 रन के अंतर से धूल चटाई। 141 साल के टेस्ट इतिहास में यह सिर्फ 21वां मौका है जब किसी टीम ने कोई टेस्ट मैच सिर्फ दो दिन में जीता। वहीं, भारत दो दिन में टेस्ट जीतने वाली पहली एशियाई टीम बना। इसी के साथ टीम इंडिया ने आयरलैंड और इंग्लैंड के दौरे से पहले शानदार जीत हासिल कर अपने मनोबल में भी वृद्धि की। भले ही अफगानिस्तान की टीम इस टेस्ट मैच को हार गई हो, लेकिन उसने फिर भी एक विश्व रिकॉर्ड तो बना ही दिया। अफगानिस्तान के टेस्ट क्रिकेट के सपने को भारत ने चकनाचूर कर दिया। उसके लिए पदार्पण टेस्ट बुरे सपने की तरह साबित हुआ और भारत ने उसे इस ऐतिहासिक टेस्ट के दूसरे दिन ही पारी और 262 रन के अंतर से धूल चटाई। 141 साल के टेस्ट इतिहास में यह सिर्फ 21वां मौका है जब किसी टीम ने कोई टेस्ट मैच सिर्फ दो दिन में जीता। वहीं, भारत दो दिन में टेस्ट जीतने वाली पहली एशियाई टीम बना। इसी के साथ टीम इंडिया ने आयरलैंड और इंग्लैंड के दौरे से पहले शानदार जीत हासिल कर अपने मनोबल में भी वृद्धि की। भले ही अफगानिस्तान की टीम इस टेस्ट मैच को हार गई हो, लेकिन उसने फिर भी एक विश्व रिकॉर्ड तो बना ही दिया।  पदार्पण टेस्ट मैच में सबसे बड़ी हार  अफगानिस्तान को लंबे प्रारूप के अनुभव की कमी खली। इस मैच में भारत ने पहली पारी में 474 रन बनाए। अफगानिस्तान की पहली पारी सिर्फ 109 रन पर सिमट गई। पहली पारी के आधार पर भारत को 365 रन की बढ़त मिली, जिसके बाद भारत ने अफगानिस्तान को फॉलोऑन खेलने पर मजबूर किया और दूसरी पारी में मेहमान टीम सिर्फ 103 रन पर ही ढेर हो गई। छोटे प्रारूप में कुछ मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली अफगानिस्तान की टीम अपने पदार्पण टेस्ट की दोनों पारियों में मिलाकर वह सिर्फ 66.3 ओवर (पहली पारी में 27.5 ओवर और दूसरी पारी में 38.4 ओवर) का सामना ही कर सकी। उसके इस प्रदर्शन से लंबे प्रारूप की उसकी मांग की तत्परता पर सवालिया निशान लगे हैं। पदार्पण टेस्ट मैच खेलने वाली किसी भी टीम की यह सबसे बड़ी हार है। इससे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम दर्ज था, जिसे अपने पहले टेस्ट में भारत के खिलाफ पारी और 70 रन से हार का सामना करना पड़ा था।  अफगानिस्तान ने इस मैच के साथ टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा और 141 साल के टेस्ट इतिहास में वह दो दिन में अपना पदार्पण टेस्ट हारने वाली सिर्फ दूसरी टीम बनी। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने 129 साल पहले अपना पदार्पण टेस्ट दो दिन में गंवाया था। तब 1889 में पोर्ट एलिजाबेथ में उसे इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट से शिकस्त मिली थी। हालांकि, वह टेस्ट तीन दिन का था। लेकिन टेस्ट क्रिकेट इतिहास में ये पहला मौका था जब कोई भी टीम पांच दिन के टेस्ट मैच में सिर्फ दो दिन में अपना पदार्पण टेस्ट मैच हार गई हो।  उमेश ने पूरा किया विकेटों का शतक  भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने पहली पारी में रहमत खान को एलबीडब्ल्यू आउट कर टेस्ट क्रिकेट में अपने विकेटों का शतक पूरा किया। वह टेस्ट क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले भारत के कुल 22वें गेंदबाज और आठवें तेज गेंदबाज हैं। तेज गेंदबाजों में उनसे पहले भारत के लिए यह उपलब्धि कपिल देव (434), जहीर खान (311), इशांत शर्मा (238), जवागल श्रीनाथ (236), मोहम्मद शमी (110), करसन घावरी (109) और इरफान पठान (100) हासिल कर चुके हैं। यह उमेश का 37वां टेस्ट मैच था और उनके नाम कुल 103 टेस्ट विकेट हो चुके हैं।

पदार्पण टेस्ट मैच में सबसे बड़ी हार

अफगानिस्तान को लंबे प्रारूप के अनुभव की कमी खली। इस मैच में भारत ने पहली पारी में 474 रन बनाए। अफगानिस्तान की पहली पारी सिर्फ 109 रन पर सिमट गई। पहली पारी के आधार पर भारत को 365 रन की बढ़त मिली, जिसके बाद भारत ने अफगानिस्तान को फॉलोऑन खेलने पर मजबूर किया और दूसरी पारी में मेहमान टीम सिर्फ 103 रन पर ही ढेर हो गई। छोटे प्रारूप में कुछ मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली अफगानिस्तान की टीम अपने पदार्पण टेस्ट की दोनों पारियों में मिलाकर वह सिर्फ 66.3 ओवर (पहली पारी में 27.5 ओवर और दूसरी पारी में 38.4 ओवर) का सामना ही कर सकी। उसके इस प्रदर्शन से लंबे प्रारूप की उसकी मांग की तत्परता पर सवालिया निशान लगे हैं। पदार्पण टेस्ट मैच खेलने वाली किसी भी टीम की यह सबसे बड़ी हार है। इससे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम दर्ज था, जिसे अपने पहले टेस्ट में भारत के खिलाफ पारी और 70 रन से हार का सामना करना पड़ा था।

अफगानिस्तान ने इस मैच के साथ टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा और 141 साल के टेस्ट इतिहास में वह दो दिन में अपना पदार्पण टेस्ट हारने वाली सिर्फ दूसरी टीम बनी। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने 129 साल पहले अपना पदार्पण टेस्ट दो दिन में गंवाया था। तब 1889 में पोर्ट एलिजाबेथ में उसे इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट से शिकस्त मिली थी। हालांकि, वह टेस्ट तीन दिन का था। लेकिन टेस्ट क्रिकेट इतिहास में ये पहला मौका था जब कोई भी टीम पांच दिन के टेस्ट मैच में सिर्फ दो दिन में अपना पदार्पण टेस्ट मैच हार गई हो।

 

उमेश ने पूरा किया विकेटों का शतक

भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने पहली पारी में रहमत खान को एलबीडब्ल्यू आउट कर टेस्ट क्रिकेट में अपने विकेटों का शतक पूरा किया। वह टेस्ट क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले भारत के कुल 22वें गेंदबाज और आठवें तेज गेंदबाज हैं। तेज गेंदबाजों में उनसे पहले भारत के लिए यह उपलब्धि कपिल देव (434), जहीर खान (311), इशांत शर्मा (238), जवागल श्रीनाथ (236), मोहम्मद शमी (110), करसन घावरी (109) और इरफान पठान (100) हासिल कर चुके हैं। यह उमेश का 37वां टेस्ट मैच था और उनके नाम कुल 103 टेस्ट विकेट हो चुके हैं।

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