हाथरस: बुलगढ़ी गांव के प्रवेश द्वार पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। एसआईटी की टीम कथित गैंगरेप मामले में अपनी जांच कर रही है। हाथरस। गांव में अंदर जाने से मीडिया व अन्य अधिकारियों को रोकने की बात अब एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश मीणा ने कबूली है ।
उन्होंने कहा है कि बिटिया के गांव के अंदर एसआईटी की जांच चल रही है । इस वजह से मीडिया कर्मी व अन्य राजनीतिक दलों के आए हुए प्रतिनिधि मंडलों को नहीं जाने दिया जा रहा है।
टीएमसी नेता ममता ठाकुर ने कहा, ‘हम उसके परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई। जब हमने जोर दिया, तो महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज को खींचा और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया। वह नीचे गिर गईं। पुरुष पुलिस अधिकारियों ने उन्हें छुआ। यह शर्मनाक है।’
हाथरस की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत को लेकर जारी सियायस और हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले के डीएम का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो पीड़िता के परिवार को धमकी देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
राहुल और प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने पूछा है कि आखिर पीड़िता के गांव जाने से क्यों रोका जा रहा है। इसी बीच पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए जा रहे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को पुलिस ने रोक दिया।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ पुलिस ने धक्का-मुक्की की है। घटना के बाद टीएमसी सांसद धरने पर बैठ गए हैं। इसके अलावा पीड़िता के गांव को सील कर दिया गया है। यहां किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं है। गांव में पुलिस का सख्त पहरा है।