हाथरस: पूर्व विधायक राजवीर पहलवान के आवास पर आरोपी ठाकुरों के समर्थन में हुई महापंचायत

यूपी के हाथरस जिले के चंदपा कोतवाली इलाके में युवती से सामूहिक दुष्कर्म और मौत मामले में लोगों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। आज सुबह सबसे पहले एसआईटी की टीम पीड़ित के घर फिर से पहुंची। पिता के बयान दर्ज किए। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाथरस डीएम को हटाने की मांग की। इसके बाद समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गांव पहुंचा। इसके अलावा पूर्व विधायक के घर आरोपियों के पक्ष में पंचायत हुई। गांव में घुसने के प्रयास में पुलिस ने सपा व रालोद के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया।

उत्तर प्रदेश के जिले के चंदपा कोतवाली इलाके में बिटिया के गांव के बाहर प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसाईं। सपा के कार्यकर्ता बेरियर तोड़कर गांव में घुसने का प्रयास कर रहे थे। इसके अलावा

समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हाथरस के चंदपा कोतवाली इलाके में स्थित बिटिया के घर पहुंच गया है। यह प्रतिनिधिमंडल घटना की जांच कर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को रिपोर्ट देगा। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल कर रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन, पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव व अक्षय यादव, सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष जुगुल किशोर वाल्मीकि, विधान परिषद सदस्य, उदयवीर सिंह, जसंवत यादव और डॉ. संजय लाठर, छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल प्रधान, लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राम करन निर्मल और सपा के आगरा जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल शामिल हैं।

वहीं पूर्व विधायक राजवीर पहलवान के आवास पर आरोपियों के समर्थन में पंचायत हुई, इसमें काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। इससे पहले रविवार की सुबह एसआईटी की टीम पीड़ित के घर फिर पहुंची थी। पांच सदस्य एसआईटी टीम पीड़ित के घर आज फिर से बयान दर्ज करने पहुंची थी।

शनिवार को पीड़िता के पिता का बयान नहीं हो पाया था। आपको बता दें कि कल रात को SIT की टीम घर आई थी। आपको बता दें कि चौतरफा घिरी उतर प्रदेश सरकार ने हाथरस कांड की सीबीआई से कराने का फैसला किया है।

पीड़ित परिवार से मुलाकात करके लौटे अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की रात 8.31 बजे ट्वीट कर फैसले की जानकारी दी।

सीबीआई 14 सितंबर से अब तक सामने आए सभी पहलुओं की जांच करेगी। हालांकि पीड़ित परिजनों की ओर से इस मामले में सीबीआई की जांच के बजाय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की थी। लेकिन अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी ने लौट कर मुख्यमंत्री को पूरी बात बताई जिसके मुख्यमंत्री ने पूरा मामला सीबीआई को देने का निर्णय लिया।

वहीं, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को एक ट्वीट कर कहा कि गैंगरेप कांड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं। फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक है।

मायावती ने कहा है कि सरकार सीबीआई जांच के लिए राजी हुई है लेकिन मौजूदा डीएम के तैनात रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? इस बात को लेकर लोग आशंकित हैं।

 

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