हाथरस कांड की जांच कर रही स्पेशल टास्ट फोर्स (एसआईटी) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इस रिपोर्ट को पेश किया जा सकता है। हाईकोर्ट में आज ही इस मामले को लेकर सुनवाई होनी है, जहां यूपी सरकार अपना पक्ष रखेगी। बताया जा रहा है कि अब एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर ही डीएम पर कार्रवाई की जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार एसआईटी की रिपोर्ट में वरिष्ठ पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। एसआईटी ने रिपोर्ट में कई सुझाव भी दिए हैं, ताकि घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में फिर कभी न हो। बता दें कि हाथरस कांड की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते 14 सितंबर को एक युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। चारों आरोपी फिलहाल अलीगढ़ जिला कारागार में हैं।
पहले अलीगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद युवती को जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। हाल बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया, जहां 29 सितंबर को युवती ने दम तोड़ दिया। इसके बाद प्रशासन ने जल्दबाजी में आधी रात को ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
इसी दौरान परिवार और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा था कि परिजनों की अनुमति के बिना युवती का अंतिम संस्कार कैसे कर दिया गया। इसे लेकर स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हुए थे और कुछ लोगों को निलंबित भी किया गया था। इस मसले पर काफी राजनीतिक बवाल हुआ था, जिसके बाद यूपी सरकार ने पूरे केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।
गृह सचिव भगवान स्वरूप की अगुवाई में एसआईटी ने हर पहलू की जांच की। शुरुआत में टीम को जांच के लिए सात दिन का वक्त मिला था, लेकिन उसके बाद और 10 दस का समय दिया गया। इसके बाद एसआईटी ने अपनी जांच पूरी की और शासन को रिपोर्ट सौंपी है।