उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पिछले दिनों एक आदेश पारित कर उच्च न्यायालय की बेंच को ऋषिकेश शिफ्ट करने का मौखिक निर्देश दिया था। इसके बाद से ही विरोध जारी है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने नैनीताल हाईकोर्ट को कुमाऊं से कहीं और शिफ्ट करने का घोर विरोध जताते हुए ध्वनिमत में खंडपीठ के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का प्रस्ताव पारित किया है।
उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पिछले दिनों एक आदेश पारित कर उच्च न्यायालय की बेंच को ऋषिकेश शिफ्ट करने का मौखिक निर्देश दिया था। इसके बाद बड़ी संख्या में बार एसोसिएशन के अधिवक्ता न्यायालय के सम्मुख पहुंचे। न्यायालय ने बार को एक सप्ताह में अधिवक्ताओं का जनमत कराकर न्यायालय की शिफ्टिंग को लेकर अपना मत बताने के लिए कहा था लेकिन बाद में न्यायालय ने आदेश जारी कर अधिवक्ताओं और आम लोगों को भी न्यायालय शिफ्टिंग पर हां या ना में अपनी राय रखने के लिए कहा था। उस दिन से ही बार की लगातार बैठकें हो रहीं हैं।
सोमवार को बार सभागार में हुई बैठक में सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे। इस दौरान अधिवक्ताओं ने अपने मत रखे। अधिवक्ताओं ने कहा कि 17 मई से सुप्रीम कोर्ट बंद होने वाली है इसलिए हमें जल्द कोई बड़ा फैसला लेना चाहिए। कहा कि एक कमेटी बनाकर पूरी तैयारी से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि जल्द से जल्द आदेश को चुनौती देनी चाहिए और वहां के एक सीनियर अधिवक्ता को भी इस केस में रखना चाहिए।
अधिवक्ताओं ने कहा कि नैनीताल में कई जगह ऐसी हैं जिसका इस्तेमाल न्यायालय के विस्तार के लिए किया जा सकता है। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष डीसीएस रावत ने कहा कि सभी का मत है कि हमें सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई अपने सुझाव देना चाहे तो सोमवार शाम तक महासचिव को लिखकर भेज दें। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल सिंह, एमसी कांडपल, विजय भट्ट, आदित्य साह, एसआर जोशी, अंजली भार्गव, सय्यद नदीम मून, सूरज पांडे, जगदीश बिष्ट, वीरेंद्र रावत, उद्योग शुक्ला, डीके जोशी, पूरन रावत आदि बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।